नई दिल्ली : केंद्र सरकार का सफदरजंग अस्पताल इन दिनों राजनीति का अखाड़ा बनकर रह गया है। यहां पर न सिर्फ रेजीडेंट डॉक्टर्स, बल्कि फैकल्टी भी एक दूसरे के खिलाफ राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे। इस राजनीति का अब मरीजों के इलाज पर भी दुष्प्रभाव डालने लगा है। अभी तक तो सफदरजंग अस्पताल में जहां मरीजों को उचित इलाज नहीं मिल पाता था, वहीं अब इलाज के लिए सवाल उठाने पर अस्पताल में तैनात डॉक्टर्स और सुरक्षाकर्मी मरीज के तिमारदार पर ही हमला करने लगे हैं। 17 सितम्बर की रात में हुई घटना में भी हुआ।
सफदरजंग अस्पताल में अपनी मां का इलाज कराने आए एक युवक को इमरजेंसी ब्लॉक में तैनात सुरक्षाकर्मियों ने पीट-पीटकर अधमरा कर दिया। पीड़ित का आरोप है कि बीच बचाव करने पर सुरक्षाकर्मियों ने महिलाओं के साथ भी मारपीट की वारदात को अंजाम दिया है। वह 17 सितम्बर से अस्पताल में भर्ती है। उसके पसली, सिर और आंख के पास चोट आई है। फोन पर बातचीत के दौरान पीड़ित संजय ने बताया कि वह 17 सितम्बर को अपनी मां को लेकर सफदरजंग अस्पताल में इलाज के लिए आया था। उसे पहले इमरजेंसी वार्ड में दिखाया।
इसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें दूसरे वार्ड में शिफ्ट कर दिया। इस बीच कुछ सामान इमरजेंसी ब्लॉक में ही रह गया। वही सामान लेने के लिए संजय के रिश्तेदार इमरजेंसी ब्लॉक में गए थे तो सुरक्षाकर्मियों ने उनके साथ बदतमीजी करनी शुरू कर दी। इसका विरोध करने पर करीब 20 से 30 सुरक्षाकर्मियों ने एक साथ मिलकर संजय की इस कदर पिटाई कर दी की वह बेहोश हो गया। आरोप है कि इस दौरान सुरक्षाकर्मियों ने महिलाओं के साथ मारपीट की। संजय का अभी सफदरजंग अस्पताल में इलाज चल रहा है।
सफदरजंग फैकल्टी भी मानती है बदतमीज हैं उसके सुरक्षाकर्मी
सफदरजंग अस्पताल की फैकल्टी भी यह बात मानती है कि उसके सुरक्षाकर्मी कभी-कभी मरीजों से बदतमीजी करने लगते हैं। यही कारण रहा कि इमरजेंसी वार्ड में इतना बड़ा बवाल हो गया। सूत्रों की माने तो लगातार शिकायत मिलने के बाद सुरक्षाकर्मी मुहैया कराने वाली कंपनी के प्रबंधन को चेतावनी भी दी गई है कि वह अपने सुरक्षाकर्मी को ट्रेनिंग दें।