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सैलरी घोटाला, एफआईआर

वर्ष 2012-2014 के बीच लोक नायक अस्पताल में सवा करोड़ रुपयों से ज्यादा के घोटाले के मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है।

नई दिल्ली : वर्ष 2012-2014 के बीच लोक नायक अस्पताल में सवा करोड़ रुपयों से ज्यादा के घोटाले के मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। उस दौरान जूनियर और सीनियर्स डॉक्टर्स के नाम वाले सैलरी अकाउंट्स में कई-कई लाख रुपये ट्रांसफर करके 1.29 करोड़ से ज्यादा की रकम का गबन किया गया था।

इस मामले में आईपी एस्टेट पुलिस ने बुधवार को धोखाधड़ी, जालसाजी, षड्यंत्र समेत संबंधित विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया है। डीसीपी सेंट्रल एमएस रंधावा ने मामले की पुष्टी करते हुए बताया कि मामले की जांच की जा रही है। अभी किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस घोटाले का खुलासा अप्रैल 2015 में सामने आईं ऑडिट रिपोर्ट से हुआ था। उसके बाद विभागीय जांच भी चली थी। जांच के दौरान सैलरी बनाने वाले एक एलडीसी को निलंबित किया गया था।

उसने पूरे घोटाले की जिम्मेदारी खुद ले ली थी। इसके बावजूद यह सवाल बाकी रह गया कि जिन डॉक्टर्स के नाम वाले अकाउंट्स में 1.29 करोड़ रुपये ट्रांसफर हुए, वह असल में कौन संचालित कर रहा था। इस बारे में पुलिस से जांच का अनुरोध किया गया। पुलिस के पास भी काफी समय से मामले की जांच लंबित रही। आखिर प्रथमदृष्टया साक्ष्यों के बिनाह पर केस दर्ज कर लिया गया।

डॉक्टर्स के नाम का हुआ इस्तेमाल… इस मामले में अस्पताल के तत्कालीन मेडिकल सुपरिटेंडेंट वाईके सरीन व एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी की जांच रिपोर्ट भी दाखिल हुई थी। इसमें जूनियर और सीनियर डॉक्टरों के नाम पर बने उन 10 अकाउंट्स की पूरी डिटेल थी। जिनमें लाखों रुपये ट्रांसफर करके सवा करोड़ से ज्यादा का गबन किया गया था।

हालांकि अस्पताल प्रशासन से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि उन डॉक्टर्स के केवल नाम का इस्तेमाल हुआ था। उनमें एक-दो लेडी डॉक्टर के नाम भी थे। उनका गबन से कोई संबंध नहीं था। उनके नाम पर अकाउंट चलाने वाले दूसरे लोग थे। पुलिस अब डॉक्टर्स के नाम का इस्तेमाल करने वाले लोगों का पता लगाएगी।

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