CJI Sanjiv Khanna Oath: देश के नए मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना बन गए हैं। उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में 51वें सीजेआई के पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई है। बता दें, जस्टिस खन्ना चुनावी बॉन्ड योजना खत्म करने और अनुच्छेद 370 निरस्त करने जैसे ऐतिहासिक फैसलों का हिस्सा रहे हैं। दिल्ली के प्रतिष्ठित परिवार के सदस्य जस्टिस संजीव खन्ना तीसरी पीढ़ी के वकील रहे हैं। उन्होंने कॅरियर की शुरुआत 1983 में तीस हजारी कोर्ट में वकालत की प्रैक्टिस से की थी। उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में भी वकालत की। अब अगले छह माह तक मुख्य न्यायाधीश की कुर्सी संभालेंगे।
डीयू से की है लॉ की पढ़ाई
खन्ना का जन्म 14 मई 1960 को दिल्ली में हुआ था। उन्होंने लॉ की पढ़ाई डीयू के कैंपस लॉ सेंटर से की। उन्हें 2004 में दिल्ली के स्थायी वकील (सिविल) के रूप में नियुक्ति मिली। 2005 में दिल्ली हाईकोर्ट में एडहॉक जज बने। उन्हें बाद में स्थायी जज नियुक्त किया गया। उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में अतिरिक्त लोक अभियोजक और न्याय मित्र के तौर पर कई आपराधिक मामलों में बहस की थी। आयकर विभाग के वरिष्ठ स्थायी वकील के तौर पर उनका कार्यकाल लंबा रहा।
पिता थे दिल्ली हाईकोर्ट में वरिष्ठ न्यायाधीश
वो दिल्ली हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश रहे जस्टिस देवराज खन्ना के बेटे और सुप्रीम कोर्ट के जाने-माने पूर्व न्यायाधीश जस्टिस एचआर खन्ना के भतीजे हैं। उनके चाचा जस्टिस एचआर खन्ना 1976 में आपातकाल के दौरान एडीएम जबलपुर मामले में असहमतिपूर्ण फैसला लिखने के बाद इस्तीफा दे दिए थे, जिससे वह सुर्खियों में रहे थे।
2019 में सुप्रीम कोर्ट में रखा कदम
जस्टिस खन्ना को 18 जनवरी 2019 को कॉलेजियम की सिफारिश पर सुप्रीम कोर्ट में एलिवेट किया गया था। सुप्रीम कोर्ट में आने के बाद वे 17 जून 2023 से 25 दिसंबर 2023 तक लीगल सर्विस कमेटी के अध्यक्ष रहे। फिलहाल नेशनल लीगल सर्विस अथॉरिटी के कार्यकारी अध्यक्ष और नेशनल ज्यूडिशल एकेडमी भोपाल के गवर्निंग काउंसिल मेंबर हैं।
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