देश के कई राज्यों में कोरोना के बढ़ते मामलो के मध्यनजर कुछ शहरों में लॉकडाउन लगाने की नौबत आई। देश की राजधानी दिल्ली में भी जब लॉकडाउन लगाने की बात हुई तो दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा है कि दिल्ली में फिलहाल लॉकडाउन लगने की कोई संभावना नहीं है और लॉकडाउन समस्या का समाधान नहीं है। पहले लॉकडाउन करके देखा गया था, उसके पीछे एक लॉजिक था।
उन्होंने कहा कि उस समय किसी को नहीं पता था कि ये वायरस कैसे फैलता है। तब कहा गया था कि संक्रमित होने से लेकर संक्रमण ख़त्म होने तक 14 दिन का सायकिल है। तब विशेषज्ञों का कहना था कि अगर 21 दिनों के लिए सभी एक्टिविटी को लॉक कर दें तो वायरस फैलना बंद हो जाएगा। इसके बाद भी लॉकडाउन बढ़ता गया, लेकिन इसके बावजूद कोरोना पूरी तरह से ख़त्म नही हुआ। मुझे लगता नहीं है कि लॉकडाउन समाधान है।
दिल्ली में कोरोना की ताज़ा स्तिथि बताते हुए सत्येंद्र ने कहा कि कोरोना वायरस के मामले अभी थोड़े ज़्यादा हुए हैं, इसको रोकने के हमने लिए टेस्टिंग बहुत ज़्यादा बढ़ा दी है। रोज़ 85,000-90,000 टेस्ट हो रहे हैं, ये देश की औसत टेस्टिंग से पांच गुने से ज़्यादा है और अस्पतालों में भी अभी बेड पर्याप्त हैं।
कोरोना के मौजूदा पीक के कब तक बने रहने की संभावना है इस सवाल के जवाब में सत्येंद्र जैन ने कहा कि एक हफ्ता अभी हमें ट्रेंड को देखना पड़ेगा। कोई भी निश्चित ट्रेंड आने में 3-4 हफ्ते का समय लग जाता है। कई बार लोगों में ढिलाई वाला बर्ताव भी आ जाता है। दिल्ली में 3-4 महीने नियमों का पालन बहुत अच्छे से हो रहा था, उस समय मामले कम हुए थे। लेकिन पिछले 10-15 दिन से लग रहा है कि प्रतिबद्धता कुछ कम हुई थी, जिसमें हम सख्ती भी कर रहे हैं और लोगों से अपील भी कर रहे हैं। सबसे बड़ी प्रतिबद्धता है मास्क लगाने की। अगर ज़्यादा लोग मास्क लगाते हैं तो इसको काबू किया जा सकता है। एक साल की जद्दोजहद के बाद सबने समझ लिया है कि मास्क लगाना पब्लिक प्लेस में सबसे ज़्यादा आवश्यक है।