सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी के स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की दिल्ली सरकार की योजना पर रोक लगाने से शुक्रवार को इनकार कर दिया। यह आदेश प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने एक जनहित याचिका पर दिया। यह याचिका अंबर टिकू द्वारा दायर की गई थी। टिकू (20) नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, दिल्ली के छात्र हैं।
याचिकाकर्ता दिल्ली सरकार के सरकारी स्कूलों की प्रयोगशालाओं व कक्षाओं में 1.46 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना पर रोक लगवाना चाहता था। याचिकाकर्ता ने कोर्ट से कहा कि सीसीटीवी कैमरे छात्रों खासतौर से लड़कियों व महिला शिक्षकों की निजता पर प्रतिकूल असर डालेंगे।
सीसीटीवी लगाने का फैसला दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा 11 सितंबर, 2017 को एक आपात बैठक में लिया गया। इस फैसले को कथित तौर पर कुछ स्कूलों में बच्चों के शोषण की घटनाओं के मद्देनजर लिया गया। याचिकाकर्ता ने कोर्ट से सीसीटीवी कैमरे लगाने के फैसले को रद्द करने का आग्रह किया।
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि यह फैसला बिना किसी शोध व अध्ययन के लिया गया। उन्होंने कहा कि डेटा सिक्युरिटी के प्रावधानों व छोटे बच्चों पर इसके लगाने के मनोवैज्ञानिक प्रभावों पर विचार नहीं किया गया। माता-पिता को अपने बच्चों को कक्षाओं में देखने की ऑनलाइन सुविधा प्रदान करने का फैसला 11 दिसंबर, 2017 को लिया गया था।