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शाहीन बाग पर सुनवाई से SC का इनकार, कहा-पीड़ितों की जगह राजनीतिक दल क्यों आए?

दक्षिण दिल्ली नगर निगम (MCD) ने शाहीन बाग में अतिक्रमण हटाओ अभियान सोमवार सुबह 11:00 बजे शुरू होना था। लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के चलते कार्रवाई नहीं हो सकी है।

दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करने पहुंचा बुलडोजर सोमवार को वापस लौट गया है। वहीं इलाके में इमारतों के विध्वंस के खिलाफ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की याचिका पर सुनवाई करने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया। इसके साथ ही CPIM पार्टी ने अपनी याचिका भी वापस ले ली।
सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाते हुए पूछा कि इस मामले में पीड़ितों की जगह राजनीतिक दलों ने कोर्ट का दरवाजा क्यों खटखटाया है। कोर्ट ने कहा कि देशभर में अतिक्रमण के खिलाफ चल रहे अभियानों पर उन्होंने रोक नहीं लगाई है। साथ ही शाहीन बाग में मामला रिहायशी मकानों से जुड़ा नहीं है, बल्कि सड़क को खाली कराने से जुड़ा है। 
क्या कोई पीड़ित नहीं है? SC ने पूछा
कोर्ट ने पूछा कि CPIM पार्टी इस मामले में याचिका क्यों दायर कर रही है। कोर्ट ने कहा कि अगर कोई पीड़ित पक्ष हमारे पास आता है तो समझ आता है। क्या कोई पीड़ित नहीं है? आपको हाईकोर्ट जाना चाहिए था। वहीं कोर्ट ने कहा कि अगर रेहड़ी वाले भी नियम तोड़ रहे होंगे तो उनको भी हटाया जाएगा। 
रेहड़ी पटरी वाले कोर्ट क्यों आए?
कोर्ट ने कहा कि जहांगीरपुरी में हम लोगों ने इसलिए दखल दी क्योंकि इमारतों को गिराया जा रहा था। रेहड़ी पटरी वाले सड़क पर सामान बेचते हैं। अगर दुकानों को नुकसान हो रहा है तो उनको कोर्ट आना चाहिए था। रेहड़ी पटरी वाले क्यों आए?
कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि आखिर साउथ दिल्ली में तोड़ा क्या गया है? इसपर एडवोकेट सुरेंद्रनाथ ने कहा कि दुकानों को हटाया जा रहा है। आगे कोर्ट ने सरकार से सवाल पूछा कि क्या नियम के तहत कार्रवाई करने से पहले नोटिस नहीं दिया जाता?  
इसपर सॉलिस्टर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ऐसा बिल्कुल नहीं है, बिना नोटिस कोई अवैध निर्माण नहीं गिराया जाता है। तुषार मेहता ने कहा कि उनके पास संबंधित अधिकारी का नोटिस है। इसमें लिखा था कि फुटपाथ से अतिक्रमण हटाने के लिए नियमों से काम किया गया है और इसमें नोटिस की जरूरत नहीं होती।
दरअसल, दक्षिण दिल्ली नगर निगम (SDMC) ने शाहीन बाग में अतिक्रमण हटाओ अभियान सोमवार सुबह 11 बजे शुरू होना था। लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के चलते कार्रवाई नहीं हो सकी है। और अतिक्रमण हटाने आए बुलडोजर को वापस जाना पड़ा।
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जानकारी के अनुसार, एसडीएमसी की मांग पर दिल्ली पुलिस ने आज शाहीन बाग इलाके में एमसीडी को अतिक्रमण हटाने के लिए फोर्स प्रदान करने की बात कही थी। इससे पहले दक्षिणी निगम को अतिक्रमण पर कार्रवाई के लिए पुलिस फोर्स नहीं मिल पाई थी, इस वजह से बुलडोजर की कार्रवाई को 8 मई तक के लिए टाल दिया गया था।
……दंगे भड़काना चाहती है BJP 
आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और शाहीन बाग से निगम पार्षद वाजिद खान वहां पहुंचे और मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उनके क्षेत्र में कोई अतिक्रमण नहीं है। जब उनसे दुकानों के आगे निकले हुए हिस्सों और सीढ़ियों पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि यह हिस्सा लोगों ने आगे जगह छोड़कर वहां समान रखने आदि की जगह दी हुई है। 
वाजिद खान ने कहा, यह मुख्य रोड पीडब्ल्यूडी के अंतर्गत आता है। इसे रोड नंबर 13A बोलते हैं। बीजेपी ने यहां विकास के नाम पर कुछ नहीं किया, लेकिन चुनाव टालने के बाद राजनीति को चमकाने के लिए अतिक्रमण हटाने के नाम पर यह कार्रवाई की जा रही है। वाजिद खान के मुताबिक भाजपा यह कार्रवाई शाहीन बाग में हिंसा भड़काने के लिए कर रही है, मौके पर आप विधायक अमानतुल्ला खान भी पहुंचे और बुलडोजर चलाने की कार्रवाई की निंदा की। 

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