नई दिल्ली : फीस के नाम पर अभिभावकों से ज्यादा रकम वसूले जाने की शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए दिल्ली सरकार ने शेख सराय स्थित एपीजे स्कूल के खिलाफ सख्त कदम उठाया है। सरकार ने फीस बढ़ोतरी की शिकायत पर कराए गए ऑडिट में स्कूल के पास मिली सरप्लस राशि को अभिभावकों को 30 दिनों में लौटाने या अगली फीस में एडजस्ट करने के आदेश दिए हैं। ऐसा न करने पर स्कूल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस बारे में जानकारी देते हुए दिल्ली सरकार के उपमुख्यमंत्री एवं शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि हमारी सरकार ने पिछले चार साल से फीस नहीं बढ़ने दी और हम आगे भी ऐसा ही करते रहेंगे।
अभिभावकों की ऐसी ही शिकायत पर हमने एपीजे स्कूल का पिछले सात साल का ऑडिट करवाया, जिसमें कई गड़बड़ियों का पता चला है। स्कूल ने सरकार और कोर्ट के आदेश के बावजूद फीस बढ़ाई। इस स्कूल ने सरकार से भी फीस बढ़ोतरी की इजाजत नहीं ली जो कि कानूनी तौर पर जरूरी है। ऑडिट से पता चला है कि एपीजे शेख सराय के पास 30 करोड़ 85 लाख रुपए का सरप्लस है। करीब 31 करोड़ रुपए का सरपल्स होने के बावजूद भी यह स्कूल अपने टीचर और अन्य स्टाफ को 7वें वेतन आयोग के अनुसार वेतन नहीं दे रहा है।
इस स्कूल ने ट्यूशन फीस, डेवलपमेंट चार्जेस इत्यादि में हर साल 10 से 25 फीसदी तक फीस बढ़ोतरी की है। ऑडिट में ये बात भी सामने आई है कि 2018-19 के सत्र में स्कूल को जितनी फीस लेनी चाहिए थी, उससे 2 करोड़ 09 लाख रुपए ज्यादा फीस ली है। हमने आदेश दिया है कि ये 2 करोड़ 09 लाख रुपए पैरेंट्स को वापस किया जाएं। अगर 30 दिन के अंदर एपीजे स्कूल ने ये पैसे वापस नहीं किये या बच्चों की अगली फीस में एडजस्ट नहीं किए तो स्कूल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सिसोदिया ने कहा कि स्कूल ने 2011 में 10 करोड़ की लागत से पंचशील एन्क्लेव में एक कॉमर्शियल जमीन खरीदकर। वहां चार करोड़ की लागत से एक कामर्शियल कॉम्प्लेक्स बनाया। इसका किराया भी स्कूल में नहीं आ रहा है, बल्कि इनके ट्रस्ट में जा रहा है। साथ ही सिद्धार्थ इंटरनेशनल स्कूल में भी अनियमितताओं का जिक्र किया।