नई दिल्ली : बच्चे स्कूल पढ़ने के लिए जाते हैं, कुछ बनना उनका सपना होता है, लेकिन इन्हीं स्कूलों में दिल्ली सरकार अरविंद केजरीवाल को वोट देने की कसम दिलवा रही है। दरअसल दिल्ली सरकार द्वारा गठित स्कूल मैनेजमेंट कमेटी (एसएमसी) का अभिभावकों के साथ एक विशेष सत्र आयोजित होने वाला है। आधिकारिक सर्कुलर के मुताबिक सत्र में अभिभावकों के साथ बच्चों की पढ़ाई से जुड़े विषयों और हैप्पीनेस और एंटरप्रिन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम पर चर्चा होगी। पर एक पत्र ऐसा भी सामने आया है, जिसमें एसएमसी सदस्यों को अभिभावकों को दिल्ली सरकार की उपलब्धियां गिनवाई जाने और उन्हें केजरीवाल को वोट देने की कसम दिलवाने की बात कही गई है।
नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया है कि सत्ताधारी आम आदमी पार्टी सरकार एसएमसी के जरिए अपना वोट बैंक बनाने की कोशिश में जुटी है। गुप्ता ने कहा कि आप सरकार की इस हरकत पर उन्हें कड़ी आपत्ति है। इस मामले में एसएमसी के साथ समन्वय करने वाले व शिक्षा विभाग के एक कर्मचारी ने दावा किया कि इस सत्र में एसएमसी सदस्यों को केवल अभिभावकों के साथ हैप्पीनेस करिकुलम व एंटरप्रिन्योरशिप करिकुलम के बारे में चर्चा करने के निर्देश दिए गए हैं। राजनीतिक चर्चा करने संबंधी सर्कुलर विभाग की ओर से नहीं भेजा गया है।
सभी स्कूलों में 21 से 24 जून तक एसएमसी सदस्यों और अभिभावकों के बीच इस विशेष सत्र के आयोजन पर न केवल विपक्ष के नेताओं, बल्कि स्व्यं एसएमसी सदस्यों और शिक्षकों ने विरोध जताया है। एसएमसी सदस्य सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि यह सरासर गलत है। स्कूलों का राजनीतिकरण करना बड़ी शर्मनाक बात है।
वहीं एसएमसी सदस्य एसके सहगल ने कहा कि सरकार का यह कदम स्कूली बच्चों के लिए नुकसान दायक है। वहीं सरकार स्कूल शिक्षक व राजकीय विद्यालय शिक्षक संघ (जीएसटीए) के महासचिव अजय वीर यादव ने इसका कड़ा विरोध किया है। उन्होंने कि जब से आम आदमी पार्टी की सरकार बनी है, तब से स्कूल प्रयोगशाला बन गए हैं। एसएमसी के जरिए चुनाव प्रचार किया जा रहा है, जो सरासर गलत है।
कई बार दे चुकी हैं शिकायत
दिल्ली पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष अपराजिता गौतम ने बताया कि सरकारी स्कूलों को राजनीतिक अखाड़ा बनाए जाने को लेकर उन्होंने कुछ माह पहले राज्यसभा के अध्यक्ष वैंकेया नायडू, दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के चेयरपर्सन प्रियांक कनूंगू को शिकायत दी थी। इसमें उन्होंने दिल्ली की आम आदमी पार्टी द्वारा स्कूलों में विभिन्न समारोह में वीडियों के माध्यम से पार्टी का प्रचार करने की शिकायत करने और इसे रोकने की अपील की थी।