लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

स्क्रैप यूनिट्स की जगह सील कर दी फैक्ट्री-दुकानें!

बता दें कि शनिवार को मायापुरी में पांच यूनिट सील की गई थी। मिली जानकारी के मुताबिक इनमें से दो फैक्ट्रियां थी और बाकी तीन दुकानें।

नई दिल्ली : मायापुरी सीलिंग मामले में दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड यानि डीपीसीसी पर गुमराह करने के आरोप लगने लगे हैं। जानकारी के मुताबिक एनजीटी ने स्क्रैप यानि कबाड़ का काम करने वाले यूनिट्स को सील करने का निर्देश दिया था। लेकिन डीपीसीसी ने उन फैक्ट्रियों को सील कर दिया जोकि बकायदा लाइसेंस लेकर नियमों के तहत चलाए जा रहे थे।

बता दें कि शनिवार को मायापुरी में पांच यूनिट सील की गई थी। मिली जानकारी के मुताबिक इनमें से दो फैक्ट्रियां थी और बाकी तीन दुकानें। फैक्ट्रियों में जहां हार्डवेयर का काम होता था वहीं, दुकानों में कारों पर टेपिंग का काम होता था। सील की गई ये सभी पांचों यूनिट्स किसी भी प्रकार से स्क्रैप यानि कबाड़ का व्यवसाय नहीं करती थी।

एनजीटी ने किया था चीफ सैक्रेटरी को तलब
बीते सप्ताह ही एनजीटी ने मायापुरी इंडस्ट्रियल एरिया में चलाए जा रहे स्क्रैप मार्केट में प्रदूषण फैलाने वाली यूनिट्स के खिलाफ सरकार की कार्रवाई पर नाराजगी जाहिर की थी। इस मामले में एनजीटी ने दिल्ली सरकार के चीफ सेक्रेटरी विजय देव और डीपीसीसी चेयरमैन चंद्रशेखर भारती को 3 मई को हाजिर होने के लिए कहा था।

पिछली रिपोर्ट में एनजीटी ने पाया था कि मायापुरी में 34 यूनिट्स पर्यावरण नियमों का उल्लंघन कर अवैध रूप से चला जा रहे थे। लेकिन पर्यावरण को पहुंचाए गए नुकसान के लिए उनसे कोई जुर्माना नहीं वसूला गया था। एनजीटी ने कहा था कि डीपीसीसी ने सिर्फ बंद करने का नोटिस भेजा जबकि पर्यावरण को बचाने के लिए गलती करने वालों से जुर्माना वसूला जाना जरूरी है।

हर्षवर्धन चाहते तो नहीं होता खून-खराबा
मामापुरी के व्यापारियों का कहना है कि केंद्रीय पर्यावरण मंत्री हर्षवर्धन चाहते तो शनिवार हुआ खून-खराबा रूक सकता है। व्यापारियों की मानें तो इस संबंध में उन्हें भी सूचित किया गया था। इतना ही नहीं, सीलिंग की सूचना मिलते ही शुक्रवार शाम से लोगों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया था। फिर भी इसे अनदेखा किया गया। मायापुरी में हुई खूनी सीलिंग के दौरान हो रही राजनीति का सीधा असर अब कारोबारी वर्ग पर पड़ना शुरू हो गया है।

कारोबारी वर्ग भी मानने लगे हैं कि दिल्ली में सीलिंग पर हो रही राजनीति समझ से बाहर है। बवाना औद्योगिक क्षेत्र से जुड़े कारोबारियों का कहना है कि अभी तक कोई भी सरकार कारोबारियों को ठीक से समझाने में नाकाम रही है कि कारोबारी किन नियमों के तहत कार्य करें। वहीं, नरेला औद्योगिक क्षेत्र के कारोबारियों की भी इसी प्रकार की दिक्कतें हैं। कारोबारी वर्ग का कहना है कि अब सरकार अपनी राजनीति चमकाने के चक्कर में कारोबार बंद करने पर तुल गई हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

eight + 11 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।