नई दिल्ली : जम्मी-कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने के बाद से पाकिस्तान व आतंकी संगठनों में बौखलाहट है। खुफिया विभाग ने सुरक्षा एजेंसियों को इनपुट भी दिए हैं कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आतंकी राजधानी दिल्ली को भी निशाना बना सकते हैं। खासतौर से लाल किला जहां से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 अगस्त को तिरंगा फहराएंगे और देश को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लाइफ को सबसे ज्यादा थ्रेट है।
मगर पीएम खुद ही कई बार सुरक्षा घेरे को तोड़कर आम जनता के बीच आ जाते हैं। इसीलिए पिछले सालों की तुलना में इस बार प्रधानमंत्री की सुरक्षा को बढ़ाया गया है। उनके आस-पास तैनात रहने वाले स्नाइपर की संख्या भी पहले से ज्यादा की गई है, जिनकी बाज सी नजरें और निशाना हर संदिग्ध पर होगा। दिल्ली पुलिस व अन्य सुरक्षा एजेंसियां भी आतंकियों के मनसूबों को ध्वस्त करने में पूरी तरह से सक्षम हैं।
सुरक्षा की दृष्टि से वर्तमान में लाल किले पर दिल्ली पुलिस के 4,200 जवान तैनात किए गए हैं, जो दिन रात राउंड द क्लॉक सुरक्षा में जुटे हुए हैं। एसएसबी, सीआईएसएफ, बीएसएफ, एसपीजी और पीएम सिक्योरिटी यूनिट के एक हजार से ज्यादा जवानों ने लाल किले की सुरक्षा का जिम्मा संभाला हुआ है। यह संख्या 13 अगस्त और 15 अगस्त को कहीं ज्यादा बढ़ा दी जाएगी।
एंटी ड्रोन से लैस दस्ता
सुरक्षा की दृष्टि से दिल्ली में ड्रोन के उड़ाने पर पाबंदी है। आशंका है कि आतंकी ड्रोन के माध्यम से नापाक हरकत को अंजाम दे सकते हैं। इसके अलावा गैस वाले बलून का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। मगर ड्रोन व बलून को नस्ट करने व पकड़ने के लिए दिल्ली पुलिस व एनसजी का एंटी ड्रोन दस्ता भी तैनात है।
13 अगस्त को फुल ड्रेस रिहर्सल… स्वतंत्रता दिवस की तैयारियों का जायजा लेने के लिए अगामी 13 अगस्त को फुल ड्रेस रिहर्सल होगी। इस दौरान लाल किला की सुरक्षा ठीक उस तरह होगी, जिस तरह 15 अगस्त के दिन रहती है। डमी पीएम वीवीआईपी रूट से होते हुए लाल किला पहुंचेगे। वीवीआईपी रूट पर पहले से ही कई हजार सीसीटीवी कैमरे लगाए जा चुके हैं। डमी पीएम तिरंगा फहराएंगे और कार्यक्रम समापन की ओर बढ़ेगा। इस दौरान हर सुरक्षा एजेंसी के सीनियर ऑफिसर भी मौजूद रहेंगे।
इन पर सुरक्षा की जिम्मेदारी
लाल किला की सुरक्षा का जिम्मा एसीपी कोतवाली चंद्र कुमार सिंह की देखरेख में एसएचओ कोतवाली राजीव भारद्वाज, चौकी इंचार्ज चेतन्या अभिजीत की टीम संभाले हुए है। वहीं डीसीपी नॉर्थ नूपुर प्रसाद सुरक्षा व्यवस्था पर बारीकी से नरज रखे हुए हैं। सिक्योरिटी को लेकर ब्रिफिंग में जवानों को जरूरी टिप्स भी देती हैं।
लाल किला के पीछे व यमुना नदी में भी पहरा… 22 दिसंबर सन् 2000 में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने लाल किले पर हमला कर तीन जवानों को शहीद कर दिया था। आतंकी लाल किले के पीछे से अंदर पहुंचे थे। इसी को ध्यान में रखते हुए दिल्ली पुलिस ने लाल किला के पीछे कड़ी चौकसी बरती है। तीन पीसीआर वैन लगातार लाल किले के पीछे दिन-रात गश्त करती हैं। इसके अलावा आशंका है कि आतंकी यमुना नदी के रास्ते भी अंदर घुस सकते हैं। इसके लिए भी दिल्ली बोट क्लब को एक्टिव कर दिया गया है। यमुना नदी में भी दिल्ली पुलिस के जवान मोटर बोट पर सुरक्षा में तैनात रहेंगे।
मुखबिरों को किया सक्रिय
आतंकि किसी भी भेष में आ सकते हैं। लाल किला व हनुमान सेतू के आस-पास सक्रिय स्मैकिय व बेघर लोग पहले से ही दिल्ली पुलिस के लिए सिर दर्द बने हुए हैं। इनमें से ज्यादातर लोगों का रिकॉर्ड तक नहीं होता। ऐसे में संदिग्धों पर नजर रखने के लिए दिल्ली पुलिस ने इनके बीच अपने मुखबिरों को भी सक्रिय कर दिया है। इसके अलावा लाल किले के आस-पास फुटपाथ पर सोने वाले लोगों को सेल्टर होम में भेजा जा रहा है।