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देखें पूरी लिस्ट : दिल्ली विधानसभा चुनाव में AAP ने 62 और BJP ने 8 सीटें जीतीं, कांग्रेस का नहीं खुला खाता

दिल्ली विधानसभा चुनाव के मंगलवार को आए नतीजों के मुताबिक मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल नीत आम आदमी पार्टी (आप) ने सत्ता बरकरार रखने के साथ-साथ 2015 के प्रदर्शन को करीब-करीब दोहराया है।

दिल्ली विधानसभा चुनाव के मंगलवार को आए नतीजों के मुताबिक मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल नीत आम आदमी पार्टी (आप) ने सत्ता बरकरार रखने के साथ-साथ 2015 के प्रदर्शन को करीब-करीब दोहराया है। 
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पार्टी को 70 सदस्यीय विधानसभा में 62 सीटों पर जीत मिली है जबकि बीजेपी ने 8 सीटों पर जीत दर्ज की है। 
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आम आदमी पार्टी को 2015 में 67 सीटों पर जीत मिली थी। 
चुनाव आयोग की ओर से घोषित अंतिम नतीजों के मुताबिक आप ने 53.57 फीसदी मतों के साथ कुल 62 सीटों पर जीत दर्ज की है। 
बीजेपी को 38.51 प्रतिशत मत और आठ सीटों पर जीत मिली। वहीं, कांग्रेस लगातार दूसरी बार दिल्ली विधानसभा में अपना खाता नहीं खोल सकी।
वही , आपको बता दे कि नौकरशाह से नेता बने केजरीवाल (51) ने विकास एजेंडा पर चलते हुए 2015 में मिली एकतरफा जीत को करीब-करीब दोहराया और राष्ट्रीय राजनीति के परिदृश्य में प्रमुख नेता के तौर पर उभरे । 
दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा में आप ने 62 सीटों पर जीत हासिल की है। आम आदमी पार्टी की इस शानदार जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, राकांपा नेता शरद पवार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और द्रमुक के एम के स्टालिन समेत अन्य नेताओं ने केजरीवाल को बधाई दी । 
आप ने 62 सीटों पर जीत हासिल की और उसकी वोट हिस्सेदारी 53.57 प्रतिशत रही । भाजपा ने आठ सीटों पर जीत हासिल की और उसे 38.51 प्रतिशत वोट मिले । कांग्रेस का खाता नहीं खुला और उसकी वोट हिस्सेदारी 4.26 प्रतिशत रही। 
आप की इस जोरदार जीत के आठ महीने पहले लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा था और सारी सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की थी। 
आप की जीत इसलिए भी मायने रखती है कि भाजपा ने राष्ट्रीय राजधानी में व्यापक प्रचार अभियान चलाया था और अपने 200 से ज्यादा सांसदों, कई केंद्रीय मंत्रियों तथा भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को प्रचार के लिए मैदान में उतारा था। 
राष्ट्रीय राजधानी में आप मुख्यालय में जश्न में डूबे समर्थकों और पार्टी के कार्यकर्ताओं को संक्षिप्त संबोधन में केजरीवाल ने कहा, ‘‘दिल्ली वालों आपने गजब कर दिया। आई लव यू।’’ 
नयी दिल्ली सीट से जीतने वाले केजरीवाल ने कहा, ‘‘यह उन सभी और हर परिवार की जीत है जिन्होंने मुझे अपना बेटा माना और इतना बड़ा जनादेश दिया। आज दिल्ली वालों ने एक नयी राजनीति को जन्म दिया काम की राजनीति।’’ 
बाद में, केजरीवाल अपने परिवार और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के साथ कनॉट प्लेस के पास प्रसिद्ध हनुमान मंदिर गए । 
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, राघव चड्ढा और आतिशी के साथ दिल्ली के मंत्री गोपाल राय और सत्येंद्र जैन भी जीत गए । 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की जीत पर केजरीवाल को बधाई दी। 
प्रधानमंत्री ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘दिल्ली विधानसभा चुनाव में जीत के लिए आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल जी को बधाई। मैं दिल्ली के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए उन्हें शुभकामनाएं देता हूं।’’ 
विपक्ष के नेताओं ने आप की प्रचंड जीत को ध्रुवीकरण और नफरत की राजनीति की हार और समावेशी राजनीति की जीत बताते हुए देश में ‘‘बदलाव की बयार’’ बताया। 
गैर भाजपा दलों के नेताओं ने कहा कि परिणाम दिखाते हैं कि विकास के एजेंडे पर चुनाव जीता जा सकता है। भाजपा को सत्ता से बाहर करने के लिए क्षेत्रीय दलों के साथ आने का भी आह्वान किया गया । 
आप की बड़ी जीत पर बधाई देते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि लोगों ने ‘‘घृणा और विभाजन की राजनीति’’ को खारिज कर ‘‘सीएए तथा एनआरसी के खिलाफ’’ जनादेश दिया है। 
बनर्जी ने कहा कि दिल्ली विधानसभा का चुनाव परिणाम पिछले पांच साल में केजरीवाल सरकार द्वारा किए गए अच्छे कामों का नतीजा है और भाजपा को राष्ट्रीय राजधानी में ‘‘छात्रों तथा महिलाओं को प्रताड़ित करने का करारा जवाब’’ मिला है। 
राकांपा सुप्रीमो शरद पवार ने आप की जीत के साथ भाजपा को सत्ता से बाहर करने के लिए क्षेत्रीय दलों के साथ आने की जरूरत पर बल दिया। 
पवार ने पुणे में संवाददाताओं से कहा, ‘‘दिल्ली चुनाव के नतीजे दिखाते हैं कि देश में बदलाव की बयार चल रही है । नतीजों से मुझे हैरानी नहीं हुई।’’ 
उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा हमेशा की तरह वोटों के ध्रुवीकरण के लिए सांप्रदायिक कार्ड खेलती रही, लेकिन वह असफल रही। ’’ 
राष्ट्रीय राजधानी में यह चुनाव ऐसे वक्त हुआ जब शहर में तथा अन्य जगहों पर संशोधित नागरिक कानून (सीएए) के खिलाफ व्यापक प्रदर्शन हो रहे थे । भाजपा ने अपने प्रचार अभियान में इसे मुद्दा भी बनाया और इसे जोर-शोर से उठाया। 
भाजपा का प्रचार अभियान राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दों के इर्द-गिर्द रहा वहीं आप ने शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में अपनी उपलब्धियों पर ध्यान केंद्रित किया । 
इससे पहले, 2015 के चुनाव में आप ने एकतरफा जीत हासिल करते हुए 67 सीटों पर जीत हासिल की थी । 
चुनावों के रूझान में आम आदमी पार्टी के बड़ी जीत की तरफ बढ़ने के स्पष्ट संकेत मिलने के बाद से ही नीले और सफेद रंग के गुब्बारे लिए हुए और अपने नेता अरविंद केजरीवाल के बड़े कटआउट के साथ आप कार्यकर्ताओं ने पार्टी मुख्यालय में जश्न मनाना शुरू कर दिया। 
पार्टी कार्यालय में आप के सैकड़ों कार्यकर्ता पार्टी के प्रचार अभियान के गीत ‘लगे रहो केजरीवाल’ गुनगुना रहे थे और ड्रम बीट की धुन पर थिरक रहे थे। 
रूझानों में पार्टी की सीटों की संख्या जैसे-जैसे बढ़ती गयी, आप के समर्थकों ने एक दूसरे को गले लगाया और लड्डू बांटने लगे। बड़ी सी स्क्रीन पर सीटों की बढ़ती संख्या के बीच कई समर्थकों ने खुद को तिरंगे में लपेट रखा था और हाथों से जीत के निशान बना रहे थे । 
कांग्रेस ने हार को स्वीकार किया और पार्टी ने कहा कि वह दिल्ली में संगठन का नए सिरे से निर्माण करेगी और एक सजग विपक्ष की भूमिका निभाएगी। 
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘जनता ने अपना जनादेश दे दिया। जनादेश कांग्रेस के विरूद्ध भी दिया है। हम कांग्रेस और डीपीसीसी की तरफ से इस जनादेश को विनम्रता से स्वीकार करते हैं।’’ 
दिल्ली विधानसभा चुनाव में 593 पुरूष और 79 महिला उम्मीदवारों सहित कुल 672 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे थे ।  

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