आम आदमी पार्टी के फैसले की कुमार विश्वास ने आलोचना की है। बुधवार को आप पार्टी ने राज्यसभा के लिए संजय सिंह, एन डी गुप्ता और सुशील गुप्ता के नाम पर मुहर लगा दी है। इस फैसले पर विरोध करते हुए विश्वास ने कहा कि उन्हें सच बोलने के लिए दंडित किया गया है। पार्टी ने यह निर्णय आप की शीर्ष निर्णायक इकाई, राजनीतिक मामलों की समिति ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर लिया। विरोधी पार्टी एन डी गुप्ता और सुशील गुप्ता के नाम राज्यसभा के लिए चुने जाने पर आम आदमी पार्टी पर निशाना साथ रहे हैं। वहीं कभी पार्टी में रहे और अब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत पूरी पार्टी की कार्यप्रणाली पर लगातार सवाल उठाने वाले पूर्व मंत्री और विधायक कपिल मिश्रा ने एक बार फिर निशाना साधा है।
मिश्रा के मुताबिक पार्टी ने जो नाम चुने हैं वो ना तो आम आदमी है, ना ही आंदोलनकारी हैं, ना तो पार्टी के कोई कार्यकर्ता। ये तो बड़े-बड़े पैसे वाले लोग हैं जिनसे अरविंद केजरीवाल की डील हुई है। आम आदमी पार्टी ने किसी लीडर को नहीं बल्कि डीलर को राज्यसभा के लिए चुना है। ये पहली बार है कि इनमें से कोई दलित समाज का व्यक्ति नहीं है, कोई अल्पसंख्यक समुदाय का कोई व्यक्ति नहीं है, कोई कार्यकर्ता नहीं है। इन नामों पर लगी मुहर से आज रामलीला मैदान के उस आंदोलन की मौत हो गई जिसमें खड़ा करने में एक एक कार्यकर्ता ने अपना जीवन लगा दिया।
राज्यसभा के लिए आम आदमी पार्टी ने जिन नामों को चुना उसे कपिल मिश्रा ने एक बड़ी गलती करार देते हुए कहा की पैसों के बदले इन लोगों को टिकट दिया गया जबकि पार्टी में कुमार विश्वास, स्वाति मालीवाल, आशुतोष, मीरा सान्याल जैसे कई नाम थे। जिन्होंने जमीन पर कार्यकर्ताओं के बीच काम किया। जब राज्यसभा के लिए बैठक हुई उस बैठक में आप के अधिकतर विधायक शामिल हुए। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने तीनों उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की और कहा कि पार्टी संयोजक केजरीवाल बाहरी और पार्टी से जुड़े लोगों को राज्यसभा भेजना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, “केजरीवाल चाहते थे कि राज्यसभा के लिए उनलोगों को नामित किया जाए, जिन्होंने मीडिया, अर्थव्यवस्था, कानून और शिक्षा के क्षेत्र में योगदान दिया है। इसलिए ऐसे 18 नामों पर चर्चा की गई थी।” हालांकि पार्टी के इस फैसले पर विरोधी तो मजे ले रहे हैं, मगर कार्यकर्ता हैरान हैं। कई पूर्व सहयोगियों ने अरविंद केजरीवाल के इस फैसले पर हैरानी जताई है, मगर शायद दिल्ली के मुख्यमंत्री ऐसा नहीं सोचते। केजरीवाल ने कृष्ण प्रताप सिंह का एक ट्वीट रिट्वीट किया है, जिसमें इस पूरे फैसले को ‘मास्टरस्ट्रोक’ बताया गया है।
ट्वीट में लिखा है, ”सच कहूं तो मैं दो गुप्ताओं के चुनावी महत्व को नहीं समझा था मगर जब तक बीजेपी के एक नेता ने मुझे डायरेक्ट मैसेज कर कहा कि यह एके (अरविंद केजरीवाल) का मास्टरस्ट्रोक है। बीजेपी का शहरी वोट कांग्रेस के साथ जाने की संभावना नहीं है, मगर वह आप के साथ आराम से जा सकता है। चालाक।” केजरीवाल इसे रिट्वीट करके कार्यकर्ताओं को शायद फैसले के पीछे की वजह समझाना चाह रहे हैं।
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