दक्षिणी दिल्ली : गोविंदपुरी इलाके में बाल मजदूरी में लिप्त बच्चों को दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने मुक्त कराया है। मंगलवार शाम को गोविंदपुरी स्थित एक प्लेसमेंट एजेंसी में छापेमारी करके यह कार्रवाई की गई है। आयोग सूत्रों ने बताया कि वर्ष 2018 में इस एजेंसी के पास से दो किशोरियां भाग गई थीं, जिसके बाद वह ट्रेन पकड़कर मध्य प्रदेश पहुंच गई थीं। मध्य प्रदेश में उन्होंने स्थानीय आयोग से संपर्क किया, जहां उनको दिल्ली की इस एजेंसी में बाल मजदूरी होने की बात कही।
उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश के आयोग की तरफ से दिल्ली आयोग को जानकारी सौंपी गई और जानकारी पर टीम ने एजेंसी पर निगरानी रखनी शुरू कर दी। पांच मार्च को उन्होंने दिल्ली पुलिस को लिखकर हालात की जानकारी दी थी, जिसमें बताया गया था कि मध्य प्रदेश तक पहुंचने वाली लड़कियां किसी डॉक्टर के पास काम करती थीं। पत्र में आगे लिखा गया कि पुलिस ऐसी एजेंसियों पर कार्रवाई करे, जहां बाल मजदूरी संभावना हो।
मंगलवार को दिल्ली पुलिस और आयोग की साझा टीम ने पहुंचकर छापेमारी की, जहां से सात नाबालिगों को मुक्त कराया गया। मुक्त हुए नाबालिगों में पांच लड़कियां शामिल थी, जबकि दो लड़के भी मौजूद थे। सभी लोग बिहार और उत्तर प्रदेश से यहां लाए गए थे और उनको दो कमरों में बंद किया गया था।
आयोग को छापेमारी के दौरान कई रजिस्टर भी मिला है, जिसमें अलग अलग बच्चों के बारे में जानकारी लिखी हुई है। आयोग संभावना जता रहा है कि रजिस्टर में कई लड़कियों की उम्र गलत लिखी हुई है, जबकि कुछ फोन भी जब्त किए गए हैं, जिनकी जांच की जा रही है।