नई दिल्ली : सीवर सफाई से जुड़े कर्मचारियों को काम करने के बेहतर तरीके सिखाने और उन्हें अपने अधिकारों के प्रति जागरुक के लिए दिल्ली जलबोर्ड द्वारा सोमवार को तालकटोरा इंडोर स्टेडियम में सुरक्षा जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया। इस दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं जलबोर्ड के अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल ने सीवर कर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार सीवर की सफाई में लगे सभी कर्मचारियों को मुफ्त में सेफ्टी किट मुफ्त में दे रही है।
प्राइवेट ठेकेदार की ओर से कोई सुरक्षा के इंतजाम ना भी हो, तो सभी सफाई कर्मचारियों के पास सभी पुख्ता इंतजाम होना चाहिए ताकि किसी भी प्रकार के हादसे को टाला जा सके। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने सफाई कर्मचारियों को एक शपथ भी दिलवाई कि कोई भी सफाई कर्मचारी बिना पुख्ता सुरक्षा इंतजाम के सीवर में नहीं उतरेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी कोशिश है कि दिल्ली का विकास सबको साथ लेकर हो। दिल्ली में होने वाले विकास का लाभ अमीर और गरीब सभी को हो। किसी भी पक्ष का शोषण करके विकास न हो।
उन्होंने कहा कि आज भी जब सीवर की सफाई करते हुए किसी कर्मचारी की मौत हो जाती है तो बड़ा दुख होता है। इस व्यवस्था को हमें मिलकर बदलना होगा। सीएम ने कहा कि इस ट्रेनिंग प्रोग्राम का मकसद यही है कि किसी भी कर्मचारी की सीवर में मौत ना हो। कर्मचारी चाहे दिल्ली जलबोर्ड का हो या प्राइवेट ठेकेदार का, जब भी वह सीवर में सफाई के लिए उतरे तो उसके पास सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होने चाहिए। कई बार देखा जाता है मात्र दो मिनट का काम समझकर कर्मचारी बिना सुरक्षा के सीवर में उतर जाते हैं। लेकिन अब आप आगे से बिना सेफ्टी उपकरणों के सीवर में सफाई के लिए नहीं उतरेंगे।
‘केजरीवाल सफाई कर्मचारियों को दे रहे हैं धोखा’
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने सीवर सुरक्षा जागरूकता पर दिल्ली सरकार द्वारा आयोजित कार्यशाला को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि साढ़े चार साल बीत गए केजरीवाल ने सफाई कर्मचारियों की सुध नहीं ली, जबकि सीवर साफ करते हुए दिल्ली में हर माह सफाई कर्मचारियों की दर्दनाक मौत हो रही है। सरकार इतनी संवेदनहीन हो चुकी है कि सफाई कर्मचारियों को सुरक्षा के पर्याप्त न तो उपकरण दिये जाते हैं और न ही सुरक्षा के पूरे इंतजाम किये जाते हैं।
‘सरकार का राजनीतिक स्टंट’
नेता विपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने सोमवार को कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा सीवर सुरक्षा जागरूकता कार्यशाला जैसे कार्यक्रम आयोजित कर सरकार राजनीतिक स्टंटबाजी कर रही है। दिल्ली जल बोर्ड सीवर कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर अपने दायित्व से बच रहा है। मैला ढोने या हाथ से सफाई करने के काम की रोकथाम और इन लोगों के पुनर्वास से जुड़े पीईएमएसआर एक्ट, 2013 के अंतर्गत सरकार कोई ठोस कार्यवाही नहीं कर रही है।
डेढ़ साल में घर-घर तक पहुंचेगा पीने का पानी
सीएम ने कहा कि आज से साढ़े चार साल पहले जब हमने दिल्ली की जिम्मेदारी संभाली थी, उस समय तक दिल्ली मात्र 58 प्रतिशत कालोनियों तक ही पीने के पानी की पाइप लाइन पहुंची थी और मात्र साढ़े चार साल में हमने 35 प्रतिशत और कालोनियों में पानी की पाइप लाइन पहुंचाकर उसको 93 प्रतिशत तक पहुंचा दिया।
दिल्ली की उन कालोनियां को छोड़कर, जहां वन विभाग का इलाका होने की वजह से या किसी अन्य कानूनी पेच होने की वजह से दिक्कत है, बाकी पूरी दिल्ली में आने वाले एक डेढ़ साल में घर-घर तक पाइपलाइन के जरिए पीने का पानी पहुंचाने की व्यवस्था कर दी जाएगी।