नयी दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने माकपा नेता बृंदा करात की शिकायत पर बुधवार को पुलिस को कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) दाखिल करने का निर्देश दिया। करात ने शाहीन बाग में सीएए विरोधी प्रदर्शनों के संबंध में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा के नफरत फैलाने वाले कथित भाषणों के लिए उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है । अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विशाल पाहुजा ने पुलिस को सुनवाई की अगली तारीख 11 फरवरी तक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया ।
करात ने अदालत में अपनी शिकायत में कहा, ‘‘ठाकुर और वर्मा ने लोगों को भड़काया, जिसके कारण दिल्ली में दो अलग-अलग प्रदर्शन स्थलों पर गोलीबारी की तीन घटनाएं हुईं।’’ अदालत ने कहा, ‘‘संबंधित डीसीपी जिला नयी दिल्ली / डीसीपी से एटीआर आने दीजिए । ’’
शिकायत में आईपीसी की धारा 153 ए (जन्मस्थान, भाषा, नस्ल, धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच रंजिश बढाना), 153 बी (राष्ट्रीय एकता को नुकसान पहुंचाने वाले बयान) और 295 ए (किसी वर्ग के धर्म का अपमान करना) के तहत एफआईआर दर्ज करने की मांग की गयी है । इसके अलावा आईपीसी की अन्य धाराओं के तहत भी कार्रवाई की मांग की गयी है । दोषी पाए जाने पर आरोपियों को अधिकतम सात साल की सजा हो सकती है ।
करात ने अदालत को बताया कि संसद मार्ग के थाना प्रभारी और पुलिस आयुक्त को दी गयी लिखित शिकायतों पर कोई जवाब नहीं मिलने पर उन्होंने अदालत का रूख किया । करात ने कहा कि उन्होंने 29 जनवरी को , इसके बाद 31 जनवरी को आयुक्त को पत्र लिखा था जबकि संसद मार्ग के थाना प्रभारी को दो फरवरी को पत्र भेजा गया ।
वित्त और कॉरपोरेट मामलों के राज्य मंत्री ने 27 जनवरी को यहां रिठाला की रैली में सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों पर निशाना साधते हुए अपने समर्थकों से विवादित नारे लगवाए थे। भाजपा सांसद वर्मा ने 28 जनवरी को कहा था कि कश्मीर में कश्मीरी पंडितों के साथ जो हुआ वह दिल्ली में हो सकता है । शाहीन बाग के सीएए विरोधी प्रदर्शनकारी आपके घरों में घुसेंगे और महिलाओं के साथ बलात्कार करेंगे, उन्हें मारेंगे।