देशभर में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन बीच शुक्रवार को फिल्म निर्माता-निर्देशक अनुराग कश्यप जामिया मिलिया इस्लामिया पहुंचे. उन्होंने प्रदर्शन कर रहे लोगों से कहा, ‘‘मैं पहली बार यहां आया हूं। अगर हम पिछले तीन महीने की बात करें तो मुझे लगता था कि हम मर गये हैं। लेकिन आज यहां आकर मुझे लगा कि हम जिंदा हैं।’’
कश्यप ने कहा कि यह लड़ाई संविधान, देश और सभी चीजों को वापस पाने की है। उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत लंबी लड़ाई है। यह कल, परसों या अगले चुनाव के साथ खत्म नहीं होगी। लेकिन आपको इसके लिए बहुत धीरज रखना होगा। वे इंतजार कर रहे हैं कि यहां लोग थककर घर चले जाएं। इसलिए हमें धैर्य रखना होगा और अपने रुख पर कायम रहना होगा।’’
‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ और ‘देव डी’ जैसी फिल्में बनाने वाले मुखर फिल्मकार कश्यप शाहीन बाग भी गये। जहा उन्होंने मीडिया के सामने मंच पर बिरयानी खाई। और शाहीन बाग में प्रदर्शन कर रहे लोगो से कहा कि सत्ता में बैठे लोग प्रदर्शनकारियों के हौसले पस्त होने का इंतजार कर रहे हैं।
उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘हमें धैर्य रखना होगा और हम तब तक प्रदर्शन करेंगे जब तक आप नहीं आते और हमारे दिलों में मौजूद सारे सवालों के जवाब हमें तसल्ली होने तक नहीं देते। हम आपकी हर बात नहीं मानेंगे।’’ जामिया के छात्र कथित पुलिस कार्रवाई के मामलों के विरोध में भी प्रदर्शन कर रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि 10 फरवरी को पुलिसकर्मियों ने उनके गुप्तांगों पर चोट पहुंचाई, छात्राओं के हिजाब उतार दिये, उनकी देशभक्ति पर सवाल खड़े किये और जब उन्होंने 10 फरवरी को सीएए तथा एनआरसी के खिलाफ संसद तक मार्च निकालने का प्रयास किया तो उनके साथ गाली गलौच की गयी।
कश्यप ने कहा कि उन्होंने ट्विटर हैंडल बंद कर दिया था लेकिन दिसंबर में जब पुलिस ने जामिया परिसर में कथित तौर पर छात्रों पर कार्रवाई की तो वे फिर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लौट आए। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने सबकुछ छोड़ दिया था लेकिन दिसंबर में जामिया में जो कुछ हुआ, उसके बाद मेरा मन बदल गया। मैंने एक लड़की का वीडियो देखा और उससे मुझे ट्विटर पर लौटने की हिम्मत आई। अब मैं चुप नहीं रहूंगा।’’ कश्यप ने कहा कि जामिया में जो शुरूआत हुई थी वो देश के अनेक हिस्सों में पहुंच गयी है।