कोरोना वायरस के चलते इस बार देश के मुसलमान अलग तरह के रजमान के गवाह बनने जा रहे हैं। दरअसल कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए मस्जिदें बंद हैं, इफ्तार पार्टी आयोजित करने पर रोक है। साथ ही सामाजिक मेलजोल से दूरी के नियम के चलते सहरी के दौरान सड़कों पर रौनक भी नहीं दिखेगी।
इस बीच दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम ने लोगों से घरों में रहकर नमाज अदा करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के चलते सोशल डिस्टेंसिंग का भी खास ख्याल रखें। इन नियमों को पालन कर हम कोरोना वायरस के संक्रमण से लोगों को बचा सकते हैं। बता दें कि भारत में 24 अप्रैल से रजमान का महीना शुरू होने की संभावना है। इस पवित्र महीने में मुसलमान सूर्योदय से सूर्यास्त तक रोजा (उपवास) रखते हैं।
CWC बैठक में बोलीं सोनिया – अभी भी है PPE किट की कमी, MSME और किसानों को तत्काल राहत दे सरकार
रमजान के शुरुआती कुछ दिनों पर कोरोना वायरस महामारी का साया मंडरा रहा है। देशभर में कम से कम तीन मई तक लॉकडाउन लागू है। इस बार हर साल की तरह रमजान की रौनक दिखाई नहीं देगी। लोग न तो सामूहिक रूप से नमाज अदा कर पाएंगे और न ही इफ्तार पार्टी आयोजित कर सकेंगे।