नई दिल्ली : पटियाला हाउस कोर्ट ने जेएनयू की पूर्व उपाध्यक्ष व छात्रा और कश्मीरी नेता शेहला राशिद को सेना पर किए गए ट्वीटस के मामले में थोड़ी राहत दी है। अदालत ने पुलिस को निर्देश दिया है कि अगर वह राशिद को गिरफ्तार करना चाहती है तो उसे 10 दिन पहले उनके खिलाफ गिरफ्तारी नोटिस जारी करना होगा। राशिद पर आरोप है कि उन्होंने सोशल मीडिया पर इंडियन आर्मी को बदनाम करने की कोशिश की।
अदालत ने यह आदेश राशिद की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिए। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार अरोड़ा ने कहा कि आरोपों की प्रकृति पर ध्यान देते हुए और जांच अधिकारी द्वारा प्रस्तुत की गई रिपोर्ट के मुताबिक यह पाया गया कि जांच प्राथमिक स्तर पर है। उन्होंने कहा कि अगर आरोपी की गिरफ्तारी की जरूरत पड़ती है तो उन्हें 10 दिन पहले गिरफ्तारी का नोटिस जारी किया जाए।
यह है मामला : शेहला ने अगस्त में कश्मीर में सुरक्षाबलों के खिलाफ सिलसिलेवार ढंग से कई ट्वीटस किए थे। उन्होंने अपने ट्वीटस में लिखा था कि कश्मीर में हालात बहुत खराब हैं। यहां सुरक्षाबलों द्वारा आम नागरिकों को परेशान किया जा रहा है। हालांकि बाद में राशिद के इन आरोपों का सेना ने खंडन किया था।
शेहला के बयान के खिलाफ वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने आपराधिक शिकायत दर्ज कराई थी। अपनी शिकायत में श्रीवास्तव ने कहा था कि पूर्व जेएनयू छात्र नेता द्वारा सेना पर लगाए गए आरोप पूरी तरह से गलत और मनगढ़ंत हैं।