कांग्रेस ने 80 वर्षीय शीला दीक्षित पर फिर भरोसा जताया है। पार्टी ने उन्हें दिल्ली प्रदेश कांग्रेस समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया है। शीला दीक्षित आज अपना पदाभार ग्रहण कर सकती हैं। इस मौके पर पार्टी के तमाम बड़े नेताओं के मौजूद रहने की संभावना है। सूत्र के मुताबिक शीला दीक्षित जल्द ही अपनी नई टीम की घोषणा कर सकती हैं। उन्होंने एक बयान में यह कह दिया है कि वे दो या तीन बार विधायक रहे कांग्रेस के लोगों के अनुभव को इस्तेमाल करना चाहती हैं। इससे संकेत मिलता है कि उनकी नई टीम में उनके पुराने वफादार साथियों के शामिल रह सकते है।
मंगत राम सिंघल को कोषाध्यक्ष के रुप में बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। इनके अलावा डॉ. एके वालिया, जयकिशन, मतीन अहमद, राजकुमार चौहान और बलराम तंवर को बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। संगठन के मुताबिक दिल्ली की सात लोकसभा सीटों के लिहाज से सात महासचिव और सत्तर विधानसभा सीटों के 70 सचिव बनाए जा सकते हैं। इसके अलावा 14 जिलों में उपाध्यक्ष बनाए जा सकते हैं।
बुजुर्ग लेकिन सक्रियता बढ़ी
करीब 80 वर्षीय शीला दीक्षित प्रदेश कांग्रेस की दूसरी बार अध्यक्ष बनी है। इससे पहले साल 1988 में उनके अध्यक्ष के कार्यकाल में कांग्रेस ने दिल्ली विधानसभा का चुनाव जीता था, जिसके बाद उन्होंने 15 साल तक दिल्ली पर राज किया। अजय माकन द्वारा अध्यक्ष पद छोड़ने की चर्चा के बाद शीला का नाम सबसे ऊपर चलने लगा था, लेकिन उनकी उम्र को ध्यान में रखते हुए पार्टी ने दिल्ली में नया फार्मूला अपनाते हुए तीन कार्यकारी अध्यक्ष भी उनके साथ जोड़ दिए। लेकिन शीला दीक्षित ने इस दौरान जो एक्टिवनेस दिखाई और सबको साथ लेकर चलने की बात की है, उससे लगता है कि वह प्रदेश कांग्रेस के सिस्टम को अलग ही तरह से चलाएंगी। खास बात यह है कि माकन के कार्यकाल में शांत हो गए पार्टी नेता शीला के अध्यक्ष बनते ही ऊर्जा से भर गए हैं।