राफेल सौदे को लेकर एनडीए के सहयोगी दल शिवसेना ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है। शिवसेना ने राफेल सौदे को ‘बोफोर्स का बाप’ करार दिया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा कि इस सौदे के खिलाफ बार-बार बोलने से देश की राजनीति में राहुल गांधी का महत्व बढ़ा है।
पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में राउत ने कहा कि जिन लोगों ने बोफोर्स सौदे में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के रिश्तेदार पर 65 करोड़ रुपये की घूस लेने का आरोप लगाया था वे अब सत्ता में हैं। आज उन्हीं पर राफेल विमान सौदे में 700 करोड़ रूपये की घूस लेने का आरोप है. उन्होंने कहा कि यह राफेल सौदा बोफोर्स का बाप है।
राउत ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि सौदे पर पूर्व फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद का दावा कांग्रेस अध्यक्ष का समर्थक कहा जाए या एक ‘राष्ट्र विरोधी’ करार दिया जाए। शिवसेना नेता ने कहा कि जब प्रत्येक विमान का सौदा 527 करोड़ रूपये के हिसाब से कर दिय गया था, तो फिर मोदी सरकार के कार्यकाल में इस सौदे को बढ़ाकर 1570 करोड़ रूपये में क्यों किया गया। इसका मतलब बिचौलिये को प्रति विमान करीब 1,000 करोड़ रूपये की दलाली मिली।
राउत ने बीजेपी के उन आरोपों को हास्यास्पद करार दिया है। जिसमें सौदे को लेकर राहुल गांधी द्वारा की जा रही आलोचना पाकिस्तान की भाषा बोलने और उसकी मदद करने वाली बताई जा रही है। उन्होंने कहा कि यही आरोप बोफोर्स सौदे (1980 के दशक के आखिरी वर्षों में) के दौरान कांग्रेस के खिलाफ लगाए गए थे. क्या तब इससे पाकिस्तान की मदद नहीं हो रही थी? जो सत्ता में हैं वे बोफोर्स को एक घोटाला मानते हैं। हालांकि वे यह मानने को तैयार नहीं कि राफेल भी एक घोटाला है।
राज्यसभा सांसद ने कहा कि देश में सिर्फ राहुल गांधी राफेल करार के खिलाफ बोल रहे हैं, जबकि बाकी सभी राजनीतिक दल खामोश हैं। इसलिए राहुल अब देश की राजनीति में ज्यादा महत्व पा रहे हैं।