मनीष सिसोदिया का कहना है कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा नियुक्त सदस्यों को डिस्कॉम बोर्ड से हटाने का फैसला असंवैधानिक और अवैध है। सिसोदिया ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उपराज्यपाल ने दिल्ली की निर्वाचित सरकार द्वारा लिए गए फैसलों को पलटने का एक नया चलन शुरू किया है। उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने इन आरोपों को भी खारिज कर दिया कि अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा नियुक्त सदस्यों ने निजी डिस्कॉम (बिजली वितरण कंपनियों) को 8,000 करोड़ रुपये का लाभ पहुंचाया।
सरकार के फैसलों को भी पलट सकते हैं
उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल कथित ‘‘घोटाले’’ की जांच किसी केंद्रीय एजेंसी से करा सकते हैं। सिसोदिया ने कहा, ‘‘उपराज्यपाल ने एक नया चलन शुरू कर दिया है। उन्होंने दिल्ली कैबिनेट के चार साल पुराने फैसले को पलट दिया और डिस्कॉम के बोर्ड में नियुक्त सदस्यों को हटा दिया। इस तरह तो वह 10 साल पहले लिए सरकार के फैसलों को भी पलट सकते हैं।’’ दिल्ली विद्युत विभाग का भी प्रभार संभालने वाले सिसोदिया ने कहा कि सक्सेना का फैसला ‘‘असंवैधानिक, अवैध और स्थापित प्रक्रियाओं के विपरीत है।’’ सिसोदिया ने ‘‘मतभेद’’ का हवाला देते हुए सदस्यों को हटाने के उपराज्यपाल के फैसले पर भी आपत्ति जताई।
इसका हवाला नहीं दिया जा सकता
उन्होंने कहा, ‘‘विचारों में अंतर होने के प्रावधान का इस तरह इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। ऐसा करने की एक प्रक्रिया है और सरकार द्वारा लिए गए फैसलों को बार-बार पलटने के लिए इसका हवाला नहीं दिया जा सकता।’’ सिसोदिया ने यह भी आरोप लगाया कि उपराज्यपाल संविधान और उच्चतम न्यायालय के आदेश का पालन नहीं कर रहे, जिसमें कहा गया है कि स्वतंत्र निर्णय लेने की उनकी शक्ति तीन विषयों – पुलिस, भूमि और सेवाओं तक सीमित है।
‘अवैध रूप से’’ नियुक्त किए गए अन्य लोग शामिल हैं
इससे पहले उपराज्यपाल कार्यालय के सूत्रों ने शनिवार को बताया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली सरकार द्वारा राष्ट्रीय राजधानी में बिजली वितरण कंपनियों के बोर्ड में नामित आम आदमी पार्टी (आप) के नेता जैस्मीन शाह सहित अन्य व्यक्तियों की जगह वरिष्ठ अधिकारियों को नियुक्त किया गया है। सूत्रों ने दावा किया कि ‘आप’ के प्रवक्ता शाह के अलावा जिन लोगों को बोर्ड से हटाया गया है उनमें आप सांसद एन डी गुप्ता के पुत्र नवीन गुप्ता और ‘सरकार द्वारा नामित व्यक्ति’ के तौर पर ‘‘अवैध रूप से’’ नियुक्त किए गए अन्य लोग शामिल हैं।
व्यक्तियों को तत्काल हटाने का आदेश दिया
उन्होंने बताया कि वित्त सचिव, विद्युत सचिव और दिल्ली ट्रांसको के प्रबंध निदेशक प्रचलित चलन के अनुरूप डिस्कॉम के बोर्ड में शहर सरकार का प्रतिनिधित्व करेंगे। उन्होंने बताया कि सक्सेना ने बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड (बीवाईपीएल) , बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड (बीआरपीएल) और टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (टीपीडीडीएल) के बोर्ड में सरकार द्वारा ‘‘अवैध रूप से’’ नियुक्त शाह, गुप्ता और अन्य निजी व्यक्तियों को तत्काल हटाने का आदेश दिया है।