दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को एक बार फिर मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिये ली जाने वाली नीट और जेईई की परीक्षाएं स्थगित करने की मांग करते हुए केन्द्र सरकार से छात्रों के चयन के लिये वैकल्पिक पद्धति पर काम करने का अनुरोध किया।
सिसोदिया ने पत्रकारों से कहा, ”वह (केन्द्र सरकार) कह रहे हैं कि नियमों का पालन किया जाएगा। केन्द्र सरकार चाहती है कि 28 लाख छात्र उन्हीं नियमों का पालन करें, जिनका अनुसरण करने के बावजूद लाखों भारतीय संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं।” उन्होंने कहा कि बेहद सुरक्षित माहौल में रहने के बावजूद केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए थे। इसके अलावा दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री समेत कई अन्य नेताओं को भी इस बीमारी ने अपनी चपेट में ले लिया था।
सिसोदिया ने कहा, ”तमाम ऐहतियाती कदम उठाने के बावजूद बहुत सारे शीर्ष नेता संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। ऐसे में हम 28 लाख छात्रों को परीक्षा केन्द्र भेजने का जोखिम कैसे उठा सकते हैं और यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि वे इसकी चपेट में नहीं आएंगे।” सिसोदिया ने कहा कि “मुझे लगता है कि केंद्र सरकार देश की जमीनी स्थिति के प्रति आंख बंद करके बैठी है। जिस व्यवस्था के दम पर आप 28 लाख बच्चों को मजबूर कर रहे हैं कि परीक्षा केंद्र में आएं, उस व्यवस्था(प्रोटोकॉल) को लागू करते हुए बहुत लोगों को कोरोना हो चुका है।”
उन्होंने कहा कि “मुझे लगता है केंद्र सरकार को तुरंत फैसला लेना चाहिए और परीक्षाएं या तो स्थगित करनी चाहिए या वैकल्पिक तरीके से एंट्रेंस करा देने चाहिए।” गौरतलब है कि शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि संयुक्त प्रवेश परीक्षा (मेन) और राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी) तय कार्यक्रम के अनुसार सितंबर में ही आयोजित की जाएंगी।