लाभ के पद मामले में फंसे आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को अयोग्य करार देने के मामले में सियासी घमासान मच गया है। एक ओर भाजपा और कांग्रेस ‘आप‘ पर इस मुद्दे को लेकर हमला कर रही है, तो दूसरी ओर ‘आप’ ने इसे भाजपा और मोदी सरकार की साजिश बताया है।
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस पूरे मामले में शनिवार को मीडिया के सामने पार्टी का पक्ष रखा। सिसोदिया ने कहा, हमने दिल्ली के लोगों की मुश्किलों को कम करने के लिए काम किया, हमने बिजली के दाम कम किये, विधायकों ने काम के लिए अपनी गाड़ी का इस्तेमाल किया, पानी के दाम हमने कम किये, हमारे काम से बेईमान लोगों की दुकानें बंद स्कूलों की स्थिति अच्छी हुई, फ्लाइओवर्स बनाये गये। भाजपा और कांग्रेस को इसी से दिक्कत हुई और अरविंद केजरीवाल सरकार के काम की गति को धीमी करने की साजिश की गयी।
सिसोदिया ने सवाल किया कि हमें आखिर किस चीज का लाभ लिया गया? एक गाड़ी, बंगला या दफ़्तर नही लिया गया। सरकार अलग-अलग विभाग पर काम कर रही थी। मदद के लिए अपने पैसों से विधायक फील्ड में जाते थे। उन्होंने कहा, 3 साल पहले जब आम आदमी पार्टी की सरकार बनी थी तब बिजली के दाम कम किए थे, जबकि बीजेपी की सरकार दाम बढ़ा देती है। पानी के रेट कम किए गए हैं। मोहल्ला क्लीनिक और स्कूल बनाये गए। इन तमाम ईमानदारी से हो रहे काम से बीजेपी कांग्रेस की बेईमानी की दुकान बंद हो गई।
सिसोदिया ने कहा कि हमारे विधायकों पर फर्जी मामले दर्ज कराए गए। सीएम दफ़्तर में सीबीआई रेड कराई गई। 400 फ़ाइल की स्क्रूटनी कराई लेकिन इन्हें कुछ नहीं मिला। इन्हें परेशानी है कि सरकार चौथे गेयर में चली जाएगी। बीजेपी की स्कूल में सीसीटीवी और वाईफाई लगाने का काम चौथे गेयर में जाने से रोकने की कोशिश है। उन्होंने कहा बीजेपी ढंग की कोई पॉलिसी नहीं बनती है।
सिसोदिया ने आरोप लगाया कि बीजेपी दिल्ली को चुनाव में धकेलना चाहती है। सिसोदिया ने कहा, इस मुद्दे को लेकर हमें कभी नोटिस नहीं दिया गया और न ही हमें अपनी बात रखने का मौका दिया गया। हमारे विधायक जल्द ही इस मुद्दे को लेकर राष्ट्रपति से मिलेंगे।
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