उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली के गांधीनगर इलाके में एक सरकारी स्कूल का दौरा किया और वहां कोविड-19 प्रोटोकॉल की समीक्षा की। राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार से नौवीं और 11वीं की कक्षाएं फिर से शुरू हुई हैं। सिसोदिया ने कहा, ‘‘हमें स्कूलों को फिर से खोलने का निर्णय करना पड़ा। हम उस दिन का इंतजार नहीं कर सकते जब कोरोना वायरस संक्रमण पूरी तरह खत्म हो जाएगा, क्योंकि तब तक हमारे बच्चों की पढ़ाई का काफी नुकसान हो चुका होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘10 वीं एवं 12वीं के विद्यार्थियों ने कोविड-19 के निर्देशों का कड़ाई से पालन किया, जिससे हममें नवीं एवं 11वीं की कक्षाओं को भी खोलने का भरोसा जगा।’’
सिसोदिया ने कहा कि स्कूलों को खोलने के सरकार के फैसले में अभिभावकों का रवैया सहयोगात्मक रहा। उन्होंने कहा, ‘‘ 10वीं एवं 12वीं की कक्षाओं को दोबारा शुरू करने को लेकर अभिभावक बहुत सकारात्मक रहे। हमने उनके अनुरोध को सुना और नौंवी एवं 11वीं की कक्षाएं भी खोलने का फैसला किया। स्कूलों को दोबारा खोलने से हमारी जिंदगी धीरे-धीरे पटरी पर आ रही है, हमें उम्मीद है कि हम सभी अनिश्चित चुनौतियों का सामना करने में कामयाब होंगे।’’ दिल्ली सरकार ने बोर्ड परीक्षाओं के मद्देनजर 18 जनवरी से 10वीं एवं 12वीं की कक्षाएं स्कूलों में चलाने की अनुमति दी थी। सिसोदिया ने कहा, ‘‘15 दिन पहले दसवीं और 12वीं कक्षाओं के लिए स्कूल खुले थे। मैं खुश हूं कि नौवीं और 11वीं के छात्रों के लिए भी स्कूल खुल गए हैं। मैं उनके चेहरे पर खुशी देख सकता हूं। महामारी के दौरान स्कूलों को खोलना चुनौती है, लेकिन हमने इसे स्वीकार किया है।’’
कोविड-19 के सख्त निर्देशों के बीच शुक्रवार को स्कूलों में नौवीं एवं 11वीं की कक्षा दोबारा शुरू की गई। इन कक्षाओं में विद्यार्थी अभिभावकों की सहमति से ही शामिल हो सकते हैं। हालांकि, कक्षाओं में उपस्थित होने को अनिवार्य नहीं किया गया है। सिसेादिया ने कहा, ‘‘ दिल्ली सरकार का उद्देश्य विद्यार्थियों को जिंदगी की चुनौतियों के लिए तैयार करना है। हम चाहते हैं कि वे जीवन में किसी भी बाधा का सामना करने के लिए तैयार रहें। आज, हमारे स्कूलों की खोई चमक वापस आ गई है। मैं छात्रों को प्रयोगशाला में अपना प्रयोग करते हुए एवं कोविड-19 प्रोटोकॉल के साथ साथियों एवं शिक्षकों से मिलते हुए देख कर खुश एवं उत्साहित हूं।’’