नई दिल्ली: दिल्ली की एक स्थानीय अदालत ने रेप केस में एक अनोखे सबूत के आधार पर दोषी को पांच साल की सजा सुनाई है। पीड़िता ने अदालत में सुनवाई के दौरान पूरे वारदात के दर्द को बयां करता एक स्केच बना दिया। इसे अहम सबूत मानते हुए दो साल पहले हुई इस वारदात में अदालत ने सजा सुना दी। दोषी पर 10 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया है।
मूल रूप से कोलकाता की रहने वाली यह बच्ची अभी 10 साल की है। उसके पिता को शराब की लत थी और मां की मौत हो चुकी थी। पिता उसका खयाल नहीं रखते थे, जिस वजह से उसकी आंटी उसे दिल्ली ले आईं। उस वक्त उसकी उम्र 8 साल थी। यहां रहने के दौरान उसके अंकल अख्तर अहमद ने उसे डरा-धमका कर उसके साथ कई बार रेप किया। इस वजह से पीड़िता वहां से भाग गई।
इसके बाद पीड़ित बच्ची की शिकायत के आधार पर दिल्ली पुलिस ने आरोपी चाचा को पिछले साल 4 जून को गिरफ्तार कर लिया। कोर्ट में केस चला। सुनवाई के दौरान वकील ने दलील दी कि लड़की को ‘सक्षम साक्षी’ नहीं माना जा सकता। यह केस उस वक्त अप्रत्याशित रूप से बदला जब लड़की ने एक स्केच बनाया। इसे देखकर जज सहित वकील भी दंग रह गए। मामले की सुनवाई के दौरान उसने पेपर पर ब्लैक कलर के क्रेयॉन से एक खाली घर को स्केच किया, जिसमें एक लड़की हाथ में गुब्बारा लिए थी।
उसके पास एक कपड़ा जमीन पर गिरा हुआ था। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव ने इसे लड़की की गवाही मानते हुए फैसला सुनाया। उन्होंने दोषी को पांच साल की सजा सुनाते हुए 10 हजार का जुर्माना लगा दिया। जज ने कहा, ‘यदि इस स्केच को तथ्य और केस की परिस्थिति मानी जाए, तो इससे यह पता चलता है कि उसके कपड़े को उतारकर उसके साथ यौन शोषण हुआ है, इसका उसके दिमाग पर असर हुआ है जो कि सबूत के रूप में पेश हुआ है। जज ने कहा, ‘अंतः मैं पीड़िता को सक्षम गवाह मानता हूं।’ लड़की को नवंबर 2014 में बस में पाया गया था।