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तो क्या इस वजह से बदला गया केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू का कानून मंत्रालय

कर्नाटक के सीएम पद को लेकर चल रहे मंथन के बीच एक एसी खबर आई जिसने सबको हैरान कर दिया। इधर कांग्रेस सीएम पद को लेकर परेशान थी उधर दूसरी तरफ बीजेपी के केंद्रीय कैबिनेट मंत्री किरेन रिजिजू का मंत्रालय बदल दिया गया।

कर्नाटक के सीएम पद को लेकर चल रहे मंथन के बीच एक एसी खबर आई जिसने सबको हैरान कर दिया। इधर कांग्रेस सीएम पद को लेकर परेशान थी उधर दूसरी तरफ बीजेपी के केंद्रीय कैबिनेट मंत्री किरेन रिजिजू का मंत्रालय बदल दिया गया। हाईकमान ने उनकी जगह पर अर्जुन राम मेघवाल को कानून मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी  दी है। इसके हाद रिजिजू को अर्थ साइंस मंत्रालय सौंप दिया गया है। वहीं अर्जुन राम मेघवाल को कानून राज्य मंत्री  बनाया गया है। पीएम मोदी की कैबिनेट में ये बड़ा फेरबदल है।
किरेन रिजिजू को सौंपा अर्थ साइंस मंत्रालय
अब कई लोगों के मन में सवाल होंगे की अचानक से कानून मंत्री को क्यों बदला गया। दरअसल काफी वक्त से किरेन रिजिजू और सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम को लेकर तनाव बना रहता था। दोनों के बीच बयानबाजी भी हुई थी। इन सबको लेकर सुप्रीम कोर्ट कानून मंत्री के इस व्यवहार से ख़फा भी था। इसलिए मंत्री को बदल दिया गया है जिसके बाद  किरेन रिजिजू ने अपना ट्विटर बायो भी बदल दिया है।
जजों को चुनाव को लेकर हुई थी अनबन
कहा जा रहा है कि किरेन रिजिजू का बार-बार कहना था कि कॉलेजियम के जरिए जजों का चुनाव नहीं होना चाहिए।  जबकि सुप्रीम कोर्ट साफ कर चुका था कि जजों की नियुक्ति के लिए इससे बेहतर तरीका नहीं हो सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने तब ये भी कहा था कि ऐसा ही तरीका कई देशों में अपनाया जा रहा है। पहली बार खुल के दोनों के बीच तनाव देखने को मिला था।
जब सौरभ कृपाल की फाइल रोकी गई थी
  जब सौरभ कृपाल का मामला सामने आया था।  सौरभ कृपाल को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने दिल्ली हाईकोर्ट का जज नियुक्त किया था।  लेकिन कानून मंत्रालय ने इनकी फाइल को मंजूरी नहीं दी थी। सौरभ कृपाल समलैंगिक हैं लेकिन कभी भी उन्होंने ये बात नहीं छिपाई थी।
अलका लांबा ने बीजेपी पर बोला हमला
रिजिजू ने एक बयान में कहा था कि हम लोग जनता से चुनकर आते हैं। वापस जब पांच साल बाद चुनाव होते हैं तो हमें जनता को जवाब देना होता है मगर जजों के सामने ये स्थिति नहीं है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस नेता अलका लांबा ने सरकार पर हमला बोला है।  उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा है कि बीते कुछ समय से कानून मंत्री के तौर पर किरेन रिजिजू द्वारा जजों की नियुक्ति और अदालतों के काम करने के तौर तरीकों को लेकर की जा रही टिप्पणियों और हस्तक्षेप ने मोदी सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी थीं। सरकार ने अपनी छवि बचाने के लिए अपने क़ानून मंत्री की बलि देकर अच्छा किया। वहीं कपिल सिब्बल ने कहा की कानून समझना उनके बस की बात नही इसलिए मंत्रालय बदल दिया है तो इस तरह से विपक्ष बीजेोपी पर हमला बोला है।

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