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सुरक्षा के साथ सेवा भी करते जवान

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नई दिल्ली : दिल्ली एयरपोर्ट और दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन में प्रवेश द्वार पर ‘चेकिंग एंड फ्रिस्किंग’ करने वाली केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) सिर्फ जांच करने तक ही सीमित नहीं है। महज बीते वर्ष की बात करें तो सीआईएसएफ ने लाखों रुपए की नकदी न सिर्फ बरामद की थी, बल्कि उसे यात्रियों तक सकुशल पहुंचाया भी गया था। सीआईएसएफ सूत्रों ने पुष्टि करते हुए कहा कि वर्ष 2017 में सीआईएसएफ ने 70 लाख रुपए की रकम यात्रियों को लौटाई, जबकि इस वर्ष सिर्फ जनवरी महीने में सवा सात लाख रुपए के करीब की रकम यात्रियों को लौटाई जा चुकी है।

भारतीय नकदी ही नहीं, विदेशी मुद्रा भी लौटाई
भारतीय मुद्रा ही नहीं, बल्कि बीते वर्ष 5.32 लाख कीमत की विदेशी मुद्रा भी यात्रियों को लौटाई गई थी, जिसके लिए उन्होंने सीआईएसएफ की सराहना भी की। इसके अलावा सीआईएसएफ ने लैपटॉप, गहने, इलेक्ट्राॅनिक गैजेट्स भी मिलने पर लौटाए हैं। अधिकारियों ने बताया कि कई बार यात्री जल्दबाजी में होते हैं, जिसके कारण उनका सामान चेकिंग के दौरन बैगेज स्कैनर पर ही छूट जाता है। सामान लावारिस देखने पर सीआईएसएफ कर्मी उसके तलाशी लेते हैं और कोई संदिग्ध वस्तु न मिलने पर उसे सुरक्षित स्टेशन कंट्रोलर अथवा ड्यूटी इंचार्ज के पास रख दिया जाता है। ज्यादातर मौकों पर तो यात्री कुछ समय बाद संंबंधित स्टेशन पर पहुंचकर अपने सामान का दावा करते हैं, जिसके बाद ड्यूटी इंचार्ज अपने स्तर पर पहचान की पुष्टि करने के बाद उनके सामान को लौटा देता है।

इलेक्ट्राॅनिक गैजेट्स भी भूल जाते हैं यात्री
सीआईएसएफ अधिकारियों के अनुसार, नकदी के अलावा सीआईएसएफ ने इलेक्ट्राॅनिक गैजेट्स भी वापस किए हैं। बीते वर्ष सीआईएसएफ को 130 लैपटॉप के साथ ही 25 सोने के आभूषण, 567 चांदी के आभूषण, 18 कैमरा, 110 घड़ी, 364 मोबाइल, 18 टैबलेट और तीन आई-पॉड लावारिस मिले थे, जिनको बाद में उनके मालिक तक पहुंचाया गया था। इस वर्ष भी सीआईएसएफ 16 लैपटॉप को उनके असली मालिकों तक पहुंचा चुकी है।

महिलाओं की मदद में भी सीआईएसएफ आगे… उन्होंने बताया कि सामान की निगरानी करना तो चेकिंग एंड फ्रिस्किंग का एक हिस्सा होता है, जिसके कारण सीआईएसएफ को सामान लौटाने में आसानी होती है। इसके अलावा भी सीआईएसएफ अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए कवायद में जुटी रहती है। महिलाओं की सुरक्षा के लिए भी सीआईएसएफ ने अपने जवानों को मेट्रो स्टेशनों पर गश्त करने के निर्देश दिए हुए हैं। बीते वर्ष सीआईएसएफ ने मुसीबत में फंसी 255 महिलाओं की मदद की थी, जबकि इस वर्ष जनवरी महीने में बीस परेशान महिलाओं को मदद पहुंचाई जा चुकी है। सीआईएसएफ ने अपनी महिला जवानों को विशेष परिस्थितियों के लिए प्रशिक्षित किया हुआ है, जिससे महिलाओं को मुसीबत में देखकर वह उनकी मदद कर सकें।

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– रवि भूषण द्विवेदी

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