दिल्ली-मेरठ राजमार्ग के पास पानी की आपूर्ति लाइन के मरम्मत कार्य के चलते दक्षिणी दिल्ली के बड़े हिस्से में पानी की आपूर्ति बुधवार को प्रभावित रहेगी। दिल्ली जल बोर्ड, दक्षिण दिल्ली में रहने वाले दिल्ली वासियों को आवश्यकता के अनुसार पर्याप्त पानी स्टोर करने की सलाह पहले ही जारी कर चुका है। दिल्ली जल बोर्ड ने इस विषय में आधिकारिक जानकारी देते हुए कहा, दक्षिणी दिल्ली में महत्वपूर्ण रिसाव मरम्मत कार्य के कारण जलापूर्ति बाधित हुई है। सोनिया विहार वाटर ट्रीटमेंट संयंत्र के तहत दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर यमुना पुल के पास मुख्य आपूर्ति लाइन की मरम्मत की जा रही है। यह मरम्मत मंगलवार को भी जारी थी।
डीजेबी ने कहा, दक्षिण दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में बुधवार को सुबह की आपूर्ति उपलब्ध नहीं रही। प्रभावित क्षेत्रों की सूची में ग्रेटर कैलाश, वसंत कुंज, कैलाश नगर, सराय काले खां, लाजपत नगर, मूलचंद, अंबेडकरनगर, ओखला, पंचशील पार्क, शाहपुर जाट, कोटला मुबारकपुर, सरिता विहार और सिद्धार्थ नगर के कुछ हिस्से शामिल हैं। यमुना नदी में प्रदूषण की वजह से बनते झाग की खबरों के मद्देनजर दिल्ली जल बोर्ड ने पड़ोसी राज्यों पर नाराजगी जताई है। दिल्ली जल बोर्ड ने हरियाणा और उत्तर प्रदेश से अपनी जिम्मेदारी निभाने की अपील भी की है। दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने कहा, उत्तर प्रदेश और हरियाणा की सरकारों को यमुना में बढ़ते प्रदूषण की कोई चिंता नहीं है।
वो लगातार बिना ट्रीट किया हुआ गंदा पानी यमुना में छोड़ रहे हैं। मैं बताना चाहता हूं कि दिल्ली जल बोर्ड लगातार काम करके अपने सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता बढ़ा रहा है, ताकि बिना ट्रीट किया हुआ गंदा पानी यमुना में न छोड़ा जाए। यमुना में बढ़ते प्रदूषण और बन रहे झाग की वजहों पर बात करते हुए राघव चड्ढा ने बताया कि, उत्तर प्रदेश की सीमा में आने वाले ओखला बैराज में उत्तर प्रदेश के सिंचाई विभाग के सफाई नहीं करने की वजह से भारी मात्रा में जल कुंभी जमा हो जाती है। धीरे-धीरे इन जल-कुंभियों का विघटन होता है और इस विघटन से सर्फेक्टेंट और फॉस्फेट निकलते हैं। सर्फेक्टेंट और फॉस्फेट के साथ ये पानी जब ऊंचाई से कालिंदी कुंज में गिरता है तो इससे झाग पैदा होता है जो धीरे-धीरे जमा होकर पानी की सतह पर तैरने लगता है।