नई दिल्ली : साउथ एमसीडी ने ट्रेड लाइसेंस फीस संशोधन को मंजूरी दे दी है। यह मंजूरी गुरुवार को हुई साउथ एमसीडी हाउस की मीटिंग में दी गई। यह संशोधन 2015 के बाद अब किया गया है। यानि कि साल 2015 के दौरान हेल्थ ट्रेड लाइसेंस फीस मेंं संशोधन किया गया था। इस संशोधन के साथ ही अब साउथ एमसीडी एरिया में व्यापार करना महंगा हो गया है।
प्रस्ताव के मंजूर होने से अब हेल्थ ट्रेड लाइसेंस 50 से 100 फीसद मंहगा हो गया है। बता दें कि इसी साल 18 फरवरी को साउथ एमसीडी स्टैंडिंग कमेटी ने भी इस प्रस्ताव को पास कर दिया था। निगम ने बैक्वेंट हॉल से लेकर तीन और पांच सितारा होटलों के लाइसेंस में शुल्क में वृद्धि कर दी है। ट्रेड लाइसेंस फीस बढ़ोतरी से स्टार रैकिंग वाले होटल, बैंक्वेट हॉल्स, मंनोरंजन के साधनों, विनिर्माण ईकाइयों के साथ भंडारण एवं बिक्री वाले प्रभावित होंगे। बता दें कि निगम करीब 86 तरह के हेल्थ ट्रेड लाइसेंस जारी करता है।
अब 250 सीटों तक वाले बैंक्वेट हॉल्स को एक बार का स्थायी शुल्क 15 हजार और वार्षिक लाइसेंस शुल्क पांच हजार की बाजय 15 हजार रुपए देना पड़ेगा। 250 सीटों से अधिक के बैंक्वेट हॉल्स वालों को 25 हजार रुपए का वार्षिक लाइसेंस शुल्क देना होगा। जबकि फाइव स्टार होटलों को एक बार 50 हजार के साथ 50 हजार के सालाना शुल्क की बजाय एक लाख रुपए देने होंगे। वहीं, तीन स्टार होटलों के लाइसेंस के लिए 25 हजार रुपए के एक मुश्त शुल्क के अलावा प्रतिवर्ष 20 हजार रुपए का वार्षिक शुल्क लगता था। लेकिन अब प्रतिवर्ष के शुल्क को 50 हजार कर दिया गया है।
इसके अलावा 100 सीटों के फूड कोर्ट में दस हजार एक मुश्त शुल्क के अलावा प्रतिवर्ष 40 हजार शुल्क देना होगा। पहले यह शून्य हुआ करता था। 100 सीटों से अधिक के फूड कोर्ट दस हजार रुपए का एक मुश्त शुल्क के अलावा 80 हजार रुपए वार्षिक शुल्क देना होगा। पहले यह भी शून्य हुआ करता था। इसी तरह 20 सीटों के भोजनालय के वार्षिक शुल्क को पांच हजार से 25 हजार कर दिया है।
20 से 50 सीटों के भोजनालय में अब में 8 हजार रुपए वार्षिक की बजाय 25 हजार रुपए शुल्क चुकाना होगा। निगम ने एक ओर कई ट्रेड के लाइसेंस फीस में वृद्धि की है वहीं, निगम ने पान की दुकान चलाना सस्ता कर दिया है। इससे अलावा निगम ने इसके वार्षिक लाइसेंस फीस में 100 रुपए की कटौती की है। पान की दुकान के लिए पहले जहां पहले वार्षिक लाइसेंस शुल्क 3600 रुपए देना पड़ता था वहां अब 3500 रुपए देने होंगे।
मेयर लेंगी सफाई का जायजा
नालों की सफाई को लेकर पार्षदों ने हाउस में नाराजगी प्रकट की। महापौर सुनीता कांगड़ा ने कहा कि वह जांच खुद करेंगी और मौके पर जाएंगी। नेता विपक्ष प्रवीण कुमार ने नालों की सफाई के बाबत फर्जी आंकड़े पेश करने और भ्रष्टाचार करने के आरोप लगाए।
कांग्रेस के पार्षद वेदपाल ने राजस्व में बढ़ोतरी करने के सुझाव पेश किए तो सत्तापक्ष ने अनसुना कर दिया और उन्हें नालों की सफाई पर बोलने को कहा। जिसके विरोध में वेदपाल ने बैठक का बहिष्कार कर सदन से बाहर चले गए। बाद में कांग्रेस के अन्य पार्षद भी बाहर निकल गए।
बदले जाएंगे नेता विपक्ष
आप पार्टी तीनों नगमों में नेता सदन बदलेगी। बताया जा रहा है कि तीनों नगर निगमों में अनुसूचित वर्ग से सदस्य को नेता विपक्ष बनाया जा सकता है। बता दें कि निगम का तीसरा साल मेयर का पद अनुसूचित वर्ग के लिए आरक्षित होता है। इसलिए नेता विपक्ष भी अनुसूचित वर्ग के पार्षद को बनाने की बात चल रही है।