नई दिल्ली : संयुक्त राष्ट्र (UN) ने दक्षिण सूडान में मानवाधिकारों की खराब हालत को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है। दक्षिण सुडान में महिलाओं के संग यौन हिंसा चरम पर है। इन महिलाओं के साथ न केवल रेप किया जाता है, बल्कि उनके बच्चों को अपनी मां और परिवार के साथ हुए रेप को देखने के लिए मजबूर किया जाता है। इन अपराधों में कई सरकारी वरिष्ठ अधिकारियों के भी शामिल होने की बात कही जा रही है। संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार रिपोर्ट में दक्षिण सुडान के बुरे हालातों का खुलासा हुआ है।
रिपोर्ट में पीड़ितों का बयान है जिसमें उन्होंने अपने साथ हुए जघन्य अपराधों के बारे में बताया है। पीड़ितों ने बताया कि कई लोगों को उनके परिवार वालों का ही रेप करने पर विवश किया जाता है। एक पीड़ित ने बताया कि उसके 12 साल के बेटे को जिंदा रहने के लिए अपनी दादी के साथ सेक्स करने के लिए मजबूर किया गया था। उस महिला के पति को भी कैस्ट्रेटेड किया गया था। लोगों के साथ हो रहा अमानवीय व्यवहार वहीं एक व्यक्ति के साथी को गैंगरेप के बाद झाड़ियों में मरने के लिए छोड़ दिया गया था। दक्षिण सूडान में मानवाधिकार आयोग की हेड यास्मिन सूक ने कहा कि लोगों के साथ हुई यौन हिंसा उससे कहीं ज्यादा है जो दिखाई जाती है। 'हमें जो देख रहे हैं वो केवल एक छोटा सा हिस्सा है।
दक्षिण सूडान में लोगों के साथ अमानवीय व्यवहार हो रहा है। उनके साथ रेप, कत्ल और यौन हिंसा जैसे अपराध हो रहे हैं और फिर शव को सड़ने के लिए छोड़ दिया जाता है। अपराध में शामिल हैं सरकारी अधिकारी रिपोर्ट के अनुसार 40 वरिष्ठ अधिकारी इन अपराधों में लिप्त हो सकते हैं। इन अधिकारियों में से पांच कर्नल और तीन स्टेट गवरनर्स हैं। इनके नामों का खुलासा अभी नहीं हुआ है लेकिन ट्रायल शुरू होने पर इनके नाम जाहिर किए जा सकते हैं। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि दक्षिण सूडान के अधिकारियों के अपराध में शामिल होने के कारण सरकार शायद इन अपराधों की जांच भी न करे। वहीं सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की इस रिपोर्ट की सच्चाई की जांच होनी चाहिए क्योंकि ऐसी अधिकतर रिपोर्ट में मामला दूसरा होता है।
देश और दुनिया का हाल जानने के लिए जुड़े रहे पंजाब केसरी के साथ