पराली के Pollution से निपटने के लिए PUSA Institute के साथ मिलकर Bio-Decomposer बनाया!
पराली पर इसका छिड़काव करने से वो खाद में तब्दील हो जाती है।
केंद्र सरकार की एजेंसी ने पाया कि जमीन में Nitrogen, Carbon और अन्य अच्छे तत्त्व Increase हो जाते है।
-CM @ArvindKejriwal pic.twitter.com/7mqfmsWh8X
— AAP (@AamAadmiParty) September 24, 2021
सीएम ने कहा कि पिछले साल 1950 एकड़ सिर्फ नॉन बासमती धान के खेतों में इस घोल का छिड़काव किया गया था। इस बार बासमती और नॉन बासमती दोनों तरह के के खेतों में इसका छिड़काव होगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली में 14,000 एकड़ में धान की खेती होती है। जैसे-जैसे किसान आएंगे उनके खेतो को इसमें शामिल किया जाएगा।
अभी तक हम कहते थे पराली का समाधान नहीं है, और समाधान के नाम पर महंगी-महंगी बातें होती थी।
अब हमारे पास समाधान हैं वो भी ₹1000/एकड़ से कम में। दिल्ली में सारा खर्चा हमारी सरकार उठा रही है। हमारी अपील है – बाकी सरकारें भी अपने किसानों की मदद करें।
– CM @ArvindKejriwal pic.twitter.com/VMMSYFaEpF
— AAP (@AamAadmiParty) September 24, 2021
केजरीवाल ने कहा कि मेरी पड़ोसी राज्यो से अपील है कि पराली से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए सभी राज्य अपने किसानों को ये घोल मुफ्त में दे। दिल्ली सरकार इस बार भी डी-कंपोजर घोल का पूरा खर्च उठाएगी। बता दें कि इस घोल को पूसा संस्थान ने बनाया है। पांच अक्टूबर से दिल्ली में इसका छिड़काव किया जाएगा।