एसएससी परीक्षा : सॉल्वरों को बैठाकर कमाए करोड़ों

एसएससी परीक्षा : सॉल्वरों को बैठाकर कमाए करोड़ों

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नई दिल्ली : एसएससी की ऑनलाइन परीक्षा में प्रक्षार्थियों को सॉल्वर के माध्यम से पास कराने वाले गिरोह ने पिछले कुछ सालों में मोटी रकम कमाई है। पुलिस सूत्रों की मानें तो इस गिरोह ने सॉल्वरों के माध्यम से एसएससी की परीक्षा पास करा परीक्षार्थियों से करोड़ों रुपए कमाए हैं। क्राइम ब्रांच ने इस मामले में चार और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान लैब मालिक दुर्रेज अली (30), कुशल नेगी (29), नीरज कुमार (32) और अनूप राव (42) के रूप में हुई है। दुर्रेज कंप्यूटर लैब में न केवल सॉफ्टवेयर इनस्टॉल करता बल्कि रुपए देने वाले छात्रों की सीट बदलकर उन्हें इन खास कंप्यूटर पर बैठाता। पुलिस इस मामले में अब तक आठ लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। फिलहाल पुलिस आरोपियों से पूछताछ के आधार पर आगे की जांच कर रही है।

एसएससी की ऑनलाइन परीक्षा में सॉफ्टवेयर (टीम व्यूअर) और सॉल्वर के माध्यम से परीक्षाथियों को पास कराने वाले गिरोह का दिल्ली-यूपी पुलिस ने पर्दाफाश किया था। गिरोह पास कराने की गारंटी लेता और अभ्यर्थी से 15 लाख रुपए तक वसूलता था। पुलिस ने गत 27 मार्च को परमजीत सिंह (24), अजय कुमार (30), सोनू कुमार (31) और गौरव नय्यर (24) को गिरफ्तार किया। इनके पास से करीब 51 लाख 83 हजार रुपए, तीन लैपटॉप, दस मोबाइल फोन, चार पैन ड्राइव, एक वाईफाई डिवाइस, पांच ब्लूटूथ, कुछ पेपर और कुछ परीक्षार्थियों के रोल नम्बर आदि बरामद हुए। मगर गिरोह का सरगना हरपाल अन्य साथियों के साथ फरार था।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक पुलिस टीम ने गिरफ्तार आरोपियों की निशानदेही पर शुक्रवार शाम अलग-अलग जगहों पर ट्रैप लगाकर कुशल नेगी, नीरज कुमार और अनूप राव को गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने अन्य सहयोगी दुर्रेज अली के बारे में जानकारी दी। जिसके बाद पुलिस ने सोमवार को उसे भी गिरफ्तार कर लिया। पुलिस सूत्रों की मानें तो क्राइम ब्रांच की टीम ने शनिवार शाम प्रहलादपुर स्थित लैब पर छापा मारकर वहां लगे कंप्यूटर को भी जब्त कर लिया। इन कंप्यूटर में नकल के लिए सॉफ्टवेयर इनस्टॉल किए गए थे। बता दें कि एसएससी ने नवंबर 2017 में अलग-अलग पोस्ट के लिए आवेदन लिए थे। सभी पोस्ट के लिए एसएससी ने 4 मार्च से 28 मार्च के बीच 92 शहरों में 428 परीक्षा केंद्रों पर ऑनलाइन परीक्षाएं आयोजित की थीं। इस परीक्षा में 63,49,545 छात्र शामिल हुए थे। मगर परीक्षा में धांधली की बातें सामने आने लगीं।

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