सबरीमाला मंदिर में माहवारी उम्र की महिलाओं के प्रवेश को लेकर चल रहे विवाद के बीच केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने शुक्रवार को कहा कि धार्मिक परंपराओं का ‘सम्मान’ किया जाना चाहिए और यदि कोई ‘सिर्फ सुर्खियां’ बनने के लिए इसका उल्लंघन करता है तो वह देश की विविधता को बड़ा नुकसान पहुंचाता है।
केंद्रीय मंत्री दिल्ली विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम के दौरान सबरीमाला मुद्दे को लेकर पूछे गए एक सवाल का जवाब दे रही थीं। स्मृति ईरानी से उनकी हालिया टिप्पणी को लेकर सवाल किया गया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि पूजा का अधिकार मतलब अनादर करने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘ मैं निजी अनुभव के आधार पर बोलती हूं। और मैंने यह बात सार्वजनिक टिप्पणी करते हुए भी कही।
मेरी शादी पारसी व्यक्ति से हुई है और कानून के तहत मुझे ‘फायर टेम्पल (पारसी समुदाय का पूजा स्थल)’ में जाने नहीं दिया जाता और कानून से यहां मतलब संविधान से नहीं है, इसका मतलब धार्मिक मान्यताओं से है।” स्मृति ईरानी ने श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में एक सम्मेलन में कहा, ‘‘ भले ही मैं कितनी सशक्त हूं, मैं पारसियों के मंदिर नहीं जा सकती हूं।”