देहरादून : बीजेपी के नेता पर लगे मी-टू के आरोप अभी शांत भी नहीं हुए थे कि शिक्षा विभाग में एक गुमनाम पत्र ने हड़कंप मचा दिया है। मीटू प्रकरण में भाजपा प्रदेश महामंत्री पद से हटाए गए संजय कुमार पर शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगने के बाद अब उत्तराखंड के शिक्षा विभाग में भी ऐसा एक मामला सामने आया है।
शिक्षा विभाग में एक अधिकारी पर मी-टू के तहत आरोप को लेकर एक गुमनाम पत्र मिला है। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने इस मामले में अधिकारी के खिलाफ जांच न करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि मी-टू के तहत आरोप लगाने वालों को गुमनाम नहीं सामने आकर आरोप लगाने चाहिए।
सोमवार को सचिवालय में मीडिया से बातचीत में यह मामला आने पर मंत्री ने तत्काल ही डीजीपी से फोन पर बात की। कहा कि वो शिकायती पत्र को जांच के लिए भेज रहे हैं। उन्होंने कहा कि ‘लैटर बम’ लिखकर किसी की भी छवि खराब नहीं होने दी जाएगी।
मंत्री ने कहा कि अगर कोई अधिकारी दोषी पाया जाता है तो वह सख्त से सख्त कार्रवाई करने से भी पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने डीजीपी को एक सेल जल्द से जल्द गठित कर उचित व त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
पीड़ित ने ई-मेल द्वारा एसएसपी को भेजी तहरीर
पीड़ित महिला ने संजय कुमार व अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने को ई-मेल के माध्यम से एसएसपी को तहरीर भेजी थी। तहरीर में पीड़िता ने आजीवन सहयोग निधि के डेटा एंट्री के दौरान हुए संपर्क और उसके बाद उनकी पूरी शर्मनाक करतूत का उल्लेख किया था। अश्लील बातों से लेकर उनकी कॉल रिकार्ड का भी तहरीर में जिक्र था।
तहरीर में पीड़िता ने आजीवन सहयोग निधि के डेटा एंट्री के दौरान हुए संजय कुमार के संपर्क और उसके बाद उनकी पूरी शर्मनाक करतूत का उल्लेख किया था। अश्लील बातों से लेकर उनकी कॉल रिकार्ड का भी तहरीर में जिक्र था।
पीड़िता का कहना है कि पार्टी पदाधिकारियों ने तमाम प्रमाण उपलब्ध कराने के बाद भी उन्हें ही आतंकित किया। तहरीर में एक भाजपा नेत्री और उसके पति द्वारा मोबाइल छीनने की घटना को लेकर चार अक्तूबर को धारा चौकी में तहरीर देने की बात भी कही है।