नई दिल्ली : दिल्ली लोकसभा चुनाव के लिए सातों सीटों पर 12 मई को होने वाले मतदान के लिए शुक्रवार शाम छह बजे प्रचार अभियान थम गया। आयोग ने 48 घंटे की प्रचार वर्जित अवधि (साइलेंट पीरियड) में प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से प्रचार को रोकने पर निगरानी के पुख्ता इंतजाम किए हैं। इस दौरान प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के अलावा सोशल मीडिया पर भी उम्मीदवार प्रचार नहीं कर सकेंगे। मुख्य चुनाव अधिकारी दिल्ली के अनुसार, साइलेंट पीरियड में प्रचार पर रोक को सुनिश्चित करने के लिए आयोग की शिकायत निवारण प्रणाली को सुचारू रखा गया है।
इसके माध्यम से कोई भी व्यक्ति उल्लंघन करने वालों की शिकायत आयोग के मोबाइल एप, ऑनलाइन और पत्राचार के माध्यम से कर सकता है। दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी रणबीर सिंह ने बताया कि राजधानी की सभी सात सीटों पर मतदान की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मतदान के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित करते हुए मतदान केंद्रों को सीसीटीवी कैमरों से लैस कर इन पर केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। उन्होंने बताया कि मतदाताओं, खासकर दिव्यांग मतदाताओं की सहायता के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। राजधानी में 523 संवेदनशील मतदान स्थल हैं।
इनमें सबसे ज्यादा नई दिल्ली लोकसभा सीट पर हैं। यहां पर कुल 120 संवेदनशील मतदान स्थल हैं। वहीं दूसरे नंबर पर दक्षिणी दिल्ली क्षेत्र हैं जहां 100 संवदेनशील मतदान स्थल हैं। इसके अलावा नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में 80, चांदनी चौक में 67, पूर्वी दिल्ली में 62, पश्चिमी दिल्ली में 50 संवेदनशील मतदान स्थल हैं, जबकि सबसे कम नॉर्थ-वेस्ट में 44 मतदान स्थल है। यहां पर चुनाव आयोग ने अतिरिक्त सुरक्षा एवं निगरानी के इंतजाम किए हैं। डॉ. रणबीर सिंह ने बताया कि यहां पर सुचारू रूप से मतदान कराने के लिए सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स की अतिरिक्त तैनाती किए जाएंगे।