अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, दिल्ली के नेतृत्व में सोमवार सुबह छात्रों ने दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच कर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। छात्रों को मुख्यमंत्री आवास से पूर्व ही पुलिस द्वारा विकास भवन के पास बैरिकेडिंग लगाकर रोक लिया गया। छात्र सोमवार शाम तक भी वहीं प्रदर्शन करते रहे। छात्रों की प्रमुख मांग है कि इंद्रप्रस्थ विश्विद्यालय के निहित जीबी पंत इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रथम वर्ष की दाखिला प्रक्रिया पुन: बहाल की जाए। साथ ही कॉलेज को बंद करने का निर्णय वापस लिया जाए।
छात्रों ने दिल्ली सरकार से मांग की है कि दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित कॉलेजों में की गई शुल्क वृद्धि को वापस लिया जाए। दिल्ली सरकार के निहित दिल्ली विश्वविद्यालय के 12 कॉलेजों में शिक्षकों को वेतन देने के लिए स्टूडेंट्स सोसाइटी फण्ड के पैसे का प्रयोग करने की बात जिस आदेश में कही गई है उसे तुरंत वापस लिया जाए। जरूरतमंद छात्रों को कोरोना राहत पैकेज दिया जाए। दिल्ली सरकार की छात्र विरोधी नीतियों के विरोध में अभाविप द्वारा किए जा रहे इस प्रदर्शन में दिल्ली विश्वविद्यालय, इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के जीबी पंत इंजीनियरिंग कॉलेज, अम्बेडकर विश्वविद्यालय तथा जेएनयू के छात्र शामिल हैं।
छात्रों ने सरकार को यह बात स्पष्ट कर दी है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती, तब तक छात्र धरने पर बैठे रहेंगे। अभाविप के नेतृत्व में छात्र बैनर, स्वनिर्मित पोस्टर, नारों तथा भाषणों के द्वारा अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं। अभाविप दिल्ली के प्रदेश मंत्री सिद्धार्थ यादव ने कहा, निवर्तमान दिल्ली सरकार ने प्रदेश में अपनी छात्र विरोधी नीतियों द्वारा उच्च शिक्षा का बंटाधार कर दिया है। सरकार ने एक तरफ तो उच्च शिक्षा में सीटें बढ़ाने की घोषणा की है, वहीं दूसरी तरफ कॉलेजों को बंद किया जा रहा है।
जीबी पंत इंजीनियरिंग कॉलेज इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय का एकमात्र ऐसा कॉलेज है, जो मात्र 40 हजार रुपये में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करा रहा है, लेकिन दिल्ली सरकार इसे भी बंद करने पर तुली हुई है। यह सरकार सस्ती एवं सबके लिए उपलब्ध शिक्षा के विरुद्ध है। अभाविप ने यह तय कर लिया है कि जब तक मुख्यमंत्री हमारी मांगों को नहीं सुनते तथा जीबी पंत कॉलेज में दाखिले की प्रक्रिया बहाल नहीं करते तब तक छात्र सड़कों पर बैठे रहेंगे।