सुप्रीम कोर्ट ने 1997 में हुए उपहार सिनेमा अग्निकांड मामले में गुरुवार को पीड़ितों द्वारा दायर क्यूरेटिव पेटिशन को खारिज कर दिया है। अब इस मामले में अंसल बंधुओं (सुशील अंसल और गोपाल अंसल) की जेल की सजा और नहीं बढ़ाई जाएगी।
सीजेआई बोबडे, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की खंडपीठ ने पीड़ितों की तरफ से दायर की गयी क्यूरेटिव याचिकाओं को आज खारिज कर दिया। साथ ही ओपन कोर्ट में सुनवाई की मांग को भी खारिज कर दिया। क्यूरेटिव याचिका उपहार कांड पीड़ित संघ (एवीयूटी) दवार कोर्ट ने दया की गई थी।
पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘हमने सुधारात्मक याचिका और प्रासंगिक दस्तावेजों पर गौर किया है। हमारी राय में कोई मामला नहीं बनता है। इसलिए, क्यूरेटिव पेटिशन खारिज की जाती है।’’ इससे पहले 9 फरवरी 2017 को तीन न्यायाधीशों की पीठ ने 2:1 के बहुमत वाले फैसले में 78 वर्षीय सुशील अंसल को आयु संबंधी दिक्कतों के चलते उसके जेल में रहने की अवधि के बराबर सजा देकर राहत दे दी थी।
पीठ ने हालांकि उसके छोटे भाई गोपाल अंसल से मामले में शेष बची एक साल की सजा पूरी करने को कहा था। एवीयूटी ने सुधारात्मक याचिका दायर करके इस फैसले पर पुनर्विचार किए जाने का अनुरोध किया था। दिल्ली के उपहार सिनेमा में 13 जून 1997 को ‘बॉर्डर’ फिल्म के प्रदर्शन के दौरान लगी आग में 59 लोग मारे गए थे।