नई दिल्ली : अधिकारों की जंग में सुप्रीम कोर्ट के हाल में आए फैसले को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर नाराजगी जाहीर की है। शनिवार को इस मामले पर उन्होंने दो ट्वीट किया। एक ट्वीट में उन्होंने एक वेबपोर्टल की खबर को टैग किया तो वहीं दूसरे ट्वीट में पुडुचेरी के मुख्यमंत्री नारायण सामी के बहाने पूर्ण राज्य की मांग को बल दिया।
मुख्यमंत्री ने वेब पोर्टल की जिस खबर को ट्वीट किया, उसमें कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट फैसला करते समय यह भूल गई कि दिल्ली में एक चुनी हुई सरकार है। इससे पहले उन्होंने पुडुचेरी के मुख्यमंत्री नारायण सामी के धरने का समर्थन करते हुए ट्वीट किया कि एक निर्वाचित सीएम नारायण सामी को पिछले तीन रातों से सड़क पर सोने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
यह कैसा लोकतंत्र है? मतदाताओं द्वारा चुने गए लोग पराजित लोगों के सामने भीख मांग रहे हैं। दिल्ली और पुडुचेरी में रहने वाले लोगों के वोट का महत्व अन्य राज्यों से कम क्यों है? गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने अधिकारों के जंग पर फैसला देते हुए एंटी करप्शन विभाग और जांच कमेटी गठित करने का अधिकार केंद्र सरकार को दे दिया था।
वहीं जमीनों और बिजली सुधार का अधिकार दिल्ली सरकार को दिया था। जबकि अधिकारियों के तबादले के अधिकार के मसले को ऊपरी बेंच को सौंप दिया है। इस पर दिल्ली सरकार का कहना है कि जब चुनी हुई सरकार के पास अधिकार ही नहीं होगा तो वह काम कैसे करेगी। यह कैसा जनतंत्र है कि जहां 70 मे से 67 सीट जितने वाले पार्टी और सरकार के पास अधिकार नहीं है, लेकिन 70 में से तीन सीट जितने वाली पार्टी के पास सारे अधिकार हैं।
क्या उनके पास आए किसी भी शिकायत पर कार्रवाई के लिए उन्हें भाजपा के पास जाना पड़ेगा। वह दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को लगातार उठाते रहे हैं। उम्मीद है कि आने वाले चुनाव में दिल्ली में पार्टी इस मुद्दे को जोर शोर से उठाएगी।