नागरिकता संशोधन कानून को लेकर दिल्ली के शाहीन बाग में पिछले 2 महीने से विरोध प्रदर्शन जारी है । इन प्रदर्शनकारियों की एक ही मांग है कि नागरिकता कानून को वापस ले लिया जाए। शाहीन बाग के प्रदर्शन को खत्म करने के लिए अनेक कोशिशें की गयी लेकिन प्रदर्शनकारी अपनी मांग को लेकर अडिग हैं।
आज सुप्रीम कोर्ट सीएए के खिलाफ शहीन बाग में बैठे प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए केंद्र और दिल्ली सरकार को निर्देश देने की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी कि शाहीन बाग में प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश दिया जाए। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा था।
सूत्रों के अनुसार आज शाहीन बाग प्रदर्शन को लेकर केंद्र, दिल्ली सरकार और पुलिस अपना जवाब पेश कर सकती है। वहीं दूसरी तरफ शाहीन बाग की प्रदर्शनकारी महिलाएं भी सुनवाई के दौरान अपना पक्ष रखने की तैयारी में जुटी हैं। रविवार को शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी गृह मंत्री अमित शाह से मिलने के लिए उनके आवास के तरफ पैदल मार्च पर निकली थी लेकिन पुलिस ने उन्हें अनुमति नहीं दी और वे वापस लौट गए।
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बता दें शाहीन बाग के पिछले सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश एस के कौल और के एम जोसेफ की पीठ ने कहा था की यह एक कानून है और कुछ लोग इसके खिलाफ हैं तो यह उनका हक़ हैं लेकिन किसी सार्वजानिक स्थान पर अनिश्चित काल तक प्रदर्शन नहीं किया जा सकता है। मामले की अगली सुनवाई के लिए 17 फरवरी का दिन तय किया गया था।