नई दिल्ली : राम जन्मभूमि पर सर्वोच्च न्यायालय का फैसला किसी समाज विशेष का नहीं बल्कि पूरी मानवता के लिए है। उक्त बातें कहते हुए शनिवार को प्रथम विश्व संस्कृत सम्मेलन में केन्द्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने विश्व हिन्दू परिषद् (विहिप) के पूर्व संरक्षक और दिवंगत नेता अशोक सिंहल को भी याद किया।
देश-दुनिया में संस्कृत को जनभाषा बनाने के लिए प्रयासरत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की संस्था ‘संस्कृत भारती’ द्वारा छतरपुर मंदिर परिसर में आयोजित प्रथम विश्व सम्मेलन के उद्घाटन कार्यक्रम में डॉ. हर्षवर्धन के अलावा केन्द्रीय राज्यमंत्री प्रताप सारंगी, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, आचार्य, अध्यापक सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
संस्कृत संवर्धन प्रतिष्ठान के शैक्षणिक निदेशक प्रो. चांद किरण सलूजा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संदेश पढ़ा। जिसमें प्रधानमंत्री ने विश्व में संस्कृत का दायरा बढ़ने पर प्रसन्नता जतायी। डॉ. हर्षवर्धन ने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए यह भी कहा कि अशोक सिंहल अयोध्या में राममंदिर निर्माण के लिए होने वाले तमाम आंदोलनों के मुख्य कर्ताधर्ता थे।