नई दिल्ली : शुक्रवार की शाम को अचानक दिल्ली की राजनीति में गर्म हवा का झोंका आया, लेकिन कुछ समय बाद ही वह ठंडी पड़ गई। प्रदेश कांग्रेस से खबर मिली की दिल्ली के नए अध्यक्ष के नाम पर मोहर लग गई है। पता चला कि पूर्व क्रिकेटर और लम्बे समय तक भाजपा में रहे कीर्ति आजाद को दिल्ली कांग्रेस की कमान सौंपी गई है। यही नहीं बताया गया कि तीनों कार्यकारी अध्यक्षों की छुट्टी कर दी गई है। यानी की अब हारून यूसुफ, देवेन्द्र यादव व राजेश लिलोठिया कार्यकारी अध्यक्ष नहीं रहेंगे।
नए अध्यक्ष कीर्ति आजाद नए सिरे से दिल्ली में पार्टी की रचना करेंगे। लेकिन कई घंटे गुजरने के बाद भी जब अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) की ओर से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई तो नए अध्यक्ष की आस टूटने लगी। बाद में पता चला कि कीर्ति आजाद के नाम पर राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मोहर तो लगा दी है, लेकिन घोषणा एक-दो दिन के लिए टाल दी है। इसके पीछे कारण प्रदेश में अचानक उठी संदीप दीक्षित द्वारा प्रदेश प्रभारी पीसी चाको पर लगाए जा रहे आरोपों को ठहराया गया है।
बता दें कि संदीप दीक्षित ने मां शीला दीक्षित की मौत के लिए दिल्ली कांग्रेस प्रभारी पीसी चाको को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कानूनी कार्रवाई की भी चेतावनी दी है। देखना अब यह है कि दिल्ली कांग्रेस को अध्यक्ष के लिए और कितना इंतजार करना होगा? सूत्रों के अनुसार शुक्रवार शाम दिल्ली प्रदेश प्रभारी पीसी चाको ने एक नोट तैयार करके पार्टी आलाकमान के पास साइन करने के लिए कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल के पास भेज दिया।
बताया जा रहा है कि पीसी चाको के नोट में सिर्फ दो नाम थे। सबसे पहले कीर्ति आजाद और दूसरे नंबर पर सुभाष चोपड़ा का नाम था, लेकिन सोनिया गांधी ने कीर्ति आजाद के नाम पर मुहर लगाई।