देश की राजधानी दिल्ली से बीते बुधवार को एक ऐसी खबर सामने आई, जिसने सब को झकजोर कर रख दिया। इस घटना ने यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि आखिर कोई इतना निर्दयी कैसे हो सकता है।
दरअसल पश्चिमी दिल्ली के उत्तम नगर में जब 17 वर्षीय लड़की स्कूल जाने के लिए निकली तो दो बाइक सवार बदमाशों ने उसपर तेजाब फेंक दिया। इस हमले में लड़की बुरी तरह से झुलस गई जिसे गंभीर हालत में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां आईसीयू में उसका इलाज चल रहा है। मामले में पुलिस ने इस वारदात को अंजाम देने वाले तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
सचिन नाम के आरोपी ने दोस्तों संग रची साजिश
इस मामले में पुलिस ने खुलासा करते हुए बताया कि युवती पर सचिन नाम का व्यक्ति बात करने के लिए दबाब बना रहा था। इस पर जब युवती ने बात करने से मना किया तो उसने अपने दोस्तों के साथ मिलकर इस खौफनाक कृत्य की योजना बना डाली। तेजाब फेंकने के लिए सचिन और हर्षित गए जबकि वीरेंद्र का काम पुलिस को गुमराह करने का था।
दिल्ली के सीएम का बड़ा बयान
इस घटना पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल का बयान भी सामने आया था। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि ये बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। अपराधियों की इतनी हिम्मत आख़िर हो कैसे गई? अपराधियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए। दिल्ली में हर बेटी की सुरक्षा हमारे लिए महत्त्वपूर्ण है।
स्वाति मालीवाल ने उठाए सवाल
वहीं दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने मामले पर संज्ञान लेते हुए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर मामले में कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने मामले में गिरफ्तार आरोपियों के विवरण के साथ FIR की मांगी की है.
बता दे कि सुप्रीम कोर्ट ने देश में बढ़ते तेजाब हमलों को देखते हुए साल 2013 में तेजाब की खुदरा ब्रिकी पर बैन लगा दिया था, इसके साथ राज्य सरकारों को नोटिस के जरिए तेजाब हमले की पीड़ित हर व्यक्ति को 3 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया था। इसी मुद्दे को उठाते हुए मालीवाल ने कहा कि उच्चतम न्यायालय का निर्देश है कि गैरकानूनी तरीके से तेजाब बेचने वालों से वसूले जाने वाले जुर्माने की राशि का उपयोग तेजाब हमला पीड़ितों के पुनर्वास के लिए किया जाना चाहिए, लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है।