देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel 'PUNJAB KESARI' को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।
Swati Maliwal: दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को स्वाति मालीवाल ( Swati Maliwal ) के साथ मारपीट और यौन उत्पीड़न मामले में उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव विभव कुमार की याचिका की योग्यता पर फैसला सुरक्षित रख लिया।
Highlights:
दिल्ली पुलिस का प्रतिनिधित्व करने वाले सीनियर वकील संजय जैन ने याचिका के खिलाफ बुनियादी आपत्तियां दर्ज कराते हुए इसके आधार पर नोटिस जारी करने का विरोध किया। जैन ने बताया कि ट्रायल कोर्ट ने 20 मई को कुमार की याचिका खारिज कर दी थी, और तकनीकी आधार पर सीआरपीसी की धारा 397 के तहत कुमार के पास पुनरीक्षण याचिका दायर करने के लिए 90 दिन का समय है।
संजय जैन ने कहा कि याचिका में कोई अंतरिम राहत नहीं मांगी गई है। ऐसे में अदालत का ग्रीष्मकालीन अवकाश शुरू होने से पहले अंतिम दिन मामले की सुनवाई की क्या जल्दबाजी है। कुमार ने अपनी अवैध गिरफ्तारी के खिलाफ हर्जाने की मांग करते हुए याचिका दायर की है।
विभव कुमार का तर्क है कि उन्हें गिरफ्तार करते समय इन मानकों का पालन नहीं किया गया और इसलिए यह उनके वैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है। उन्होंने गिरफ्तारी से अनावश्यक नुकसान की बात कहते हुए कथित अवैध हिरासत के लिए हर्जाने की मांग की है।
दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। वह इस समय न्यायिक हिरासत में हैं। जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान स्वाति मालीवाल ( Swati Maliwal ) अदालत कक्ष में रोने लगीं। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें चरित्र हनन और जान से मारने की धमकी दी जा रही है।
दिल्ली पुलिस ने विभव कुमार के वकील के इस तर्क को गलत बताया कि घटना के दिन स्वाति मालीवाल ( Swati Maliwal ) उनके मुवक्किल को बदनाम करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री आवास पर गई थीं। कुमार के वकील ने एफआईआर दर्ज कराने में तीन दिन की देरी का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि घटना के वक्त विभव मुख्यमंत्री आवास पर नहीं थे और मालीवाल ने वहां जाने के लिए अपॉइंटमेंट नहीं लिया था।
कथित घटना 13 मई की है। कुमार को 18 मई को गिरफ्तार किया गया था।