दिल्ली हाई कोर्ट ने तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल होने वाले 27 विदेशी नागरिकों के लंबित मामलों को साकेत डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में स्थानांतरित करने का आदेश दिया है, ताकि इन पर जल्द फैसला हो सके। यह विदेशी कथित रूप से वीजा नियमों और कोविड-19 के दिशानिर्देशों का उल्लंघन कर धर्मप्रचार की गतिविधियों में शामिल थे।
कोर्ट विदेशियों द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी जिसमें उन्होंने कहा कि मामले में जुर्माना अदा करने के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया था लेकिन इसी तरह की प्राथमिकियों के लंबित रहने की वजह से वे देश छोड़कर जाने में अक्षम हैं।
न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी ने निर्देश दिया कि चार याचिकाओं में विभिन्न प्राथमिकियों की वजह से तैयार आरोप-पत्रों को दिल्ली की विभिन्न सुनवाई अदालतों से दक्षिण-पूर्वी दिल्ली की साकेत डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट के समक्ष स्थानांतरित किया जाए।
वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये सुनवाई कर रहे हाई कोर्ट से विदेशी नागरिकों के वकील ने अनुरोध किया था कि वह सुप्रीम कोर्ट द्वारा छह अगस्त को मामलों को स्थानांतरित करने के लिए दिए गए आदेश जैसा ही आदेश पारित करें और केंद्र व दिल्ली सरकार को इस पर कोई आपत्ति नहीं है।
न्यायाधीश ने कहा, “इसी के अनुरूप मौजूदा याचिकाओं को इस निर्देश के साथ वापस लिया मानकर खारिज किया जाता है कि सभी प्राथमिकियों जिनसे मौजूदा मामले बने हैं उनके सभी आरोप-पत्र सुविज्ञ सीएमएम, दक्षिण पूर्व, साकेत अदालत परिसर, नयी दिल्ली को स्थानांतरित किये जाएं जो विधि सम्मत तरीके से इनका शीघ्र निस्तारण करेंगे।”