नई दिल्ली : जेएनयू में छात्रावास के नए नियमों और फीस वृद्धि के खिलाफ लगातार विद्यार्थियों का धरना-प्रदर्शन जारी है। इसी क्रम में जेएनयू शिक्षक महासंघ (जेएनयूटीएफ) ने सोमवार सुबह जेएनयू में शांति और अकादमिक माहौल बहाल करने की अपील को लेकर एक दिवसीय धरने का आयोजन किया।
इस दौरान करीब सौ से ज्यादा शिक्षकों ने कैंपस में मार्च भी निकाला। दरअसल जेएनयूटीएफ ने विद्यार्थी और शिक्षकों से सेमेस्टर परीक्षा के सफल आयोजन में सहयोग की अपील की है। हालांकि इस दौरान शिक्षकों को विद्यार्थियों के एक हुजूम के विरोध का भी सामना करना पड़ा।
क्या कहना है महासंघ का… जेएनयू में 12 दिसम्बर से सेमेस्टर परीक्षाएं शुरू होने वाली हैं। ऐसे में परीक्षाओं में शामिल होने को लेकर छात्रों के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है। जेएनयूटीएफ ने छात्रों की इसी दुविधा के मद्देनजर जेएनयू प्रशासन से परीक्षा के सुचारू संचालन के लिए अनुकूल और शांतिपूर्ण वातावरण मुहैया कराने की अपील की है।
महासंघ का कहना है कि यह सभी छात्रों के करियर के लिए आवश्यक है। संस्कृत के प्रोफेसर ब्रजेश पांडेय ने आरोप लगाया कि वामपंथी छात्रों के एक गुट ने उनके धरना को बाधित करने का प्रयास किया। इस दौरान शिक्षकों को हूटिंग करते हुए अपशब्द भी कहे गए।