नौकरी के बदले जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी ने बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को तलब किया है। तेजस्वी मंगलवार को पूछताछ के लिए दिल्ली के ईडी ऑफिस पहुंचे चुके हैं।ईडी ने सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर प्रिवेंशन आफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है।
600 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग के सुबुत मिले
बता दें इससे पहले उनकी बहन और राज्यसभा सदस्य मीसा भारती से ईडी ने पूछताछ की थी। जमीन के बदले नौकरी घोटाले में ईडी ने अब तक 600 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग के सुबुत मिलने का दावा किया है। ईडी के अनुसार, अपराध से बनाई गई संपत्तियों में से 350 करोड़ की अचल संपत्ति है। जबकि 250 करोड़ रुपये बेनामी लोगों के माध्यम से लालू यादव के परिवार के पास आए थे।
तेजस्वी का बीजेपी पर हमला
ईडी के दफ्तर पहुंचने से पहले एयरपोर्ट पर तेजस्वी ने बीजेपी पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि नालंदा और सासाराम मामले में जो भी सबूत मिले हैं। उस पर कार्रवाई की जा रही है। बिहार को बदनाम करने की कोशिश की गई थी। बीजेपी के लोग आरोप लगा रहे हैं कि जांच के बाद करवाई भी होगी।बीजेपी के नेता बेकार के आरोप लगा रहे हैं।
लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहते हुआ घोटाला
पूरे मामले की बात करें तो लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहते हुए रेलवे के कई जोन में हुई नियुक्तियों के लिए लोगों से नौकरी के बदले जमीन ली गई थी। इस मामले को लेकर ईडी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ग्रुप डी की नौकरियों के बदले मात्र 7.5 लाख रुपये में लिए चार भूखंडों को राजद के पूर्व विधायक सैयद अबु दोजाना को 3.5 करोड़ में बेचा गया। राबड़ी देवी ने इसका अधिकांश हिस्सा तेजस्वी यादव को ट्रांसफर कर दिया था। इसके भी साक्ष्य मौजूद हैं।
2004 से 2009 के बीच का है मामला
वहीं सीबीआई ने कहा कि आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद के 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहने के दौरान पसंदीदा उम्मीदवारों को बिना किसी विज्ञापन या सार्वजनिक सूचना के नियमों और प्रक्रियाओं का उल्लंघन करते हुए रेलवे में नियुक्त किया गया था। एजेंसी के अनुसार इसके बदले लोगों ने परिवार के सदस्यों के जरिए लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों को जमीन काफी सस्ती दरों पर बेची थीं। जिसकी अब जांच की जा रही है।