नई दिल्ली : वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में कपड़ों पर 70 साल बाद कर लगाने के खिलाफ दिल्ली हिंदुस्तानी मर्कन्टाइल एसोसिएशन के आह्वान पर तीन दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल के पहले दिन आज राजधानी दिल्ली स्थित एशिया के सबसे बड़े रेडिमेड कपड़ा बाजार गांधीनगर और चांदनी चौक स्थित थोक बाजार सहित देश के अधिकांश कपड़ा बाजार बंद रहे।
एसोसिएशन ने जीएसटी में कपड़ों पर कर लगाये जाने के विरोध में 29 जून तक बाजार बंद रखने का ऐलान किया है। इसी के तहत गांधीनगर, चांदनी चौक के साथ ही देश के प्रमुख कपड़ा बाजार में कारोबार नहीं हुआ। एसोसिएशन के प्रधान अरुण सिंहानिया के अनुसार कपड़ा पर जीएसटी लगाने पर केन्द सरकार 30 जून की जीएसटी परिषद् की बैठक में पुनर्विचार करे। कपड़ा व्यापारियों उनसे जुड़े कर्मचारियों तथा उनके परिवार और जनता पर पडऩे वाले बुरे प्रभाव को रोकने के लिए पुनर्विचार किया जाये क्योंकि इससे देश भर के कपड़ा व्यापारी नाराज हैं। सत्तर साल बाद कपड़े को कर के दायरे में लाया गया है।
जीएसटी में एक हजार रुपये तक के कपड़ों पर पाँच प्रतिशत और इससे ऊपर की कीमत के कपड़ों पर 12 प्रतिशत जीएसटी का प्रावधान किया गया है। संगठन ने कहा है कि जीएसटी परिषद 30 जून की बैठक में यदि इस पर पुनर्विचार नहीं किया जाता है तो देश भर के कपड़ा व्यापारी अनिश्चतकालीन हड़ताल करने को मजबूर होंगे। पहले एक दिन की हड़ताल की गई थी जिससे 20 हजार करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ था। अब तीन दिन की हड़ताल से 60 हजार करोड़ रुपये का नुकसान का अनुमान है।