दिल्ली उच्च न्यायालय ने फिल्म ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ और उसके ट्रेलर पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाली जनहित याचिका बुधवार को खारिज कर दी। याचिका में आरोप लगाया गया था कि इस फिल्म ने प्रधानमंत्री के संवैधानिक पद को बदनाम किया है। मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति वी के राव की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता को याचिका दायर करने का अधिकार नहीं है और इसमें निजी हित शामिल हैं।
याचिकाकर्ता पूजा महाजन ने आरोप लगाया था कि सिनेमेटोग्राफ कानून के प्रावधानों का दुरुपयोग किया जा रहा है और फिल्म निर्माता ने ट्रेलर जारी कर दिया है, जिससे प्रधानमंत्री पद की छवि को नुकसान पहुंचा है तथा इसकी राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बदनामी हो रही है। फिल्म 11 जनवरी को रिलीज होगी। विवाद बनी फिल्म ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ ट्रेलर रिलीज होने के बाद धीरे-धीरे अपने मकसद की ओर बढ़ने लगी है।
वहीं एक अदालत ने मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की भूमिका निभानेवाले अभिनेता अनुपम खेर समेत 14 कलाकारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश स्थानीय थाने को दिया। मुजफ्फरपुर व्यवहार न्यायालय के अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी (एसडीजेएम) (पश्चिम) न्यायाधीश सब्बा आलम की अदालत ने अधिवक्ता सुधीर ओझा के एक परिवादपत्र की सुनवाई करते हुए फिल्म के अभिनेता अनुपम खेर सहित कुल 14 कलाकारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच का आदेश मुजफ्फरपुर के कांटी थाना प्रभारी को दिया है।
अधिवक्ता सुधीर ओझा ने बताया कि अदालत ने थाना प्रभारी को भादवि की धारा 295, 293, 153, 153 (ए), 504, 506, 120 (बी) तथा 34 के तहत सभी कलाकारों पर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है। ओझा ने 2 जनवरी को अदालत में एक परिवादपत्र दायर कर फिल्म में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की छवि खराब करने और देश की छवि से खिलवाड़ करने का भी आरोप लगाया है।