समय परिवर्तनशील है, कभी यूपीए सरकार के कार्यकाल में जेल की सलाखों के पीछे बंद रहीं साध्वी प्रज्ञा ठाकुर मध्यप्रदेश में भोपाल सीट से भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतरी हैं। साध्वी प्रज्ञा ठाकुर हिन्दुत्व और भगवा को आतंकवाद कहने वालों से लेकर, नारी को कमजोर समझने वाले और देश के टुकड़े-टुकड़े करने वालों को जवाब देने के लिए मैदान में हैं। जेल में रहने के दौरान उन्हें दी गई प्रताड़ना की लंबी कहानी है, लेकिन वे अतीत से आगे बढ़कर सुनहरे भविष्य की कहानी लिखने का दम भर रही हैं।
इनकी संसदीय सीट में भाजपा के साथ भगवा भी लहरा रहा है, उनसे भोपाल जाकर विस्तार से चर्चा की गई। यहां यह बता दें कि निर्वाचन आयोग द्वारा 72 घंटे के बैन के बाद प्रज्ञा ठाकुर ‘पंजाब केसरी’ से रूबरू हुईं। इस दौरान कई मौके पर प्रज्ञा ठाकुर भावुक हो गईं तो कई मौकों पर उनके चेहरे पर गुस्सा भी देखा गया।
बातचीत में जहां उन्होंने कहा कि हिन्दुत्व के रास्ते ही विकास हो सकता है। वहीं टुकड़े-टुकड़े गैंग के कहे जाने वाले कन्हैया कुमार और सीताराम येचुरी पर जमकर बरसीं। प्रज्ञा ठाकुर इस चुनाव को धर्मयुद्ध बता रही हैं। बहरहाल तमाम राजनीतिक मुद्दों पर भाजपा प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा से पंजाब केसरी के मेट्रो एडिटर सतेन्द्र त्रिपाठी की खरी-खरी…
आप साध्वी हैं, चुनाव लड़ने का मन में विचार कैसे आया या पार्टी ने कहा?
मैं जो परिस्थिति देख रही हूं, उसमें वोट बैंक की राजनीति होती है उसे खत्म करने के लिए मैं संघर्ष कर रही हूं। मुझे जब पीड़ित किया गया। निश्चित रूप से दिग्विजय सिंह उसमें सूत्रधार रहे। कांग्रेस-यूपीए की सरकार षड्यंत्र में शामिल रही और मुझे कानून के अंतर्गत गैर-कानूनी प्रताड़नाएं दी गईं। कभी भी किसी महिला को कोई पुरुष नहीं पीटता है, लेकिन मेरे साथ ऐसा हुआ। अकल्पनीय है और उसे विस्तार से नहीं बता सकती हूं। दूसरा भगवा और हिन्दुत्व को आतंकवाद कहा, जबकि यह हमारी सनातन संस्कृति इतनी वृहत चिंतन करने वाली है।
इस प्रकार से हम संकुचित मानसिकता नहीं रख सकते है, लेकिन इन लोगों ने भगवा को विश्व में आतंकवाद घोषित कर बदनाम करना चाहा, जो कि देश विरुद्ध और धर्म विरुद्ध कार्य है और हिन्दुत्व को आतंकवाद कहकर हिन्दू-मुस्लिम में भेद डालना। जाति भेद कर देश में वैमनस्यता फैलाना चाह रहे थे। ये उन्होंने किया इसके लिए भी मेरे मन ने चुनाव लड़ने का संकल्प किया। निश्चित रूप से जब कांग्रेस द्वारा दिग्विजय सिंह को यहां से खड़ा किया गया तो लोगों ने कहा क्या आप लड़ेंगी। मैंने देखा कि लोगों के मन में एक क्रोध था, उनके मन में था कि आप को ही लड़ना चाहिए। इसके कुछ समय पश्चात पार्टी ने कहा कि आपको चुनाव लड़ना है और मैं सहर्ष तैयार हो गई।
क्या ये हिन्दुत्व के सम्मान की लड़ाई है?
बिल्कुल ये हिन्दुत्व के सम्मान की लड़ाई है। पहली बार ऐसा हुआ है कि हिन्दुत्व को आतंकवाद कहने वाले लोग अब हिन्दुओं को पटा रहे हैं। पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी ने हिन्दुत्व की बात की क्योंकि हर वर्ग को पटाने के लिए ये लोग वर्ग भेद करते हैं। हिन्दुओं के साथ अन्याय करते हैं और बाकी सबको पटाने का काम करते हैं। इस कारण से कोई भी उपेक्षित न हो, चाहे वह हिन्दू हो या कोई अन्य वर्ग हो। सभी एक समान दृष्टि से देखे जाएंगे तो कल्याण होगा और यह कार्य हम करेंगे।
भिक्षाम देहि: नाेट, वोट और सपोर्ट…
भोपाल से चुनाव प्रचार में जुटी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर लोगों से झोली फैलाकर ले रही भिक्षा ले रही है। प्रज्ञा का कहना है कि वो भिक्षा मांग कर लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं। उनके पास चुनाव लड़ने के लिए पैसे नहीं हैं और लोगों के धन से ही वो चुनाव के मैदान में उतरी हैं। वह एक साध्वी हैं। भिक्षा मांगना उनका अधिकार है। इसीलिए वह लोगों से चुनाव लड़ने के लिए भिक्षा मांग रही हैं। मैं जहां भी प्रचार के लिए जाती हूं, वहां झोली फैलाकर भिक्षा भी मांगती हूं।
मैंने लोगों से कहा है कि जितना आपमें सामर्थ्य है, आप मुझे धन दान कीजिए, अब आपके समक्ष कमंडल रख दिया करूंगी। आप उसमें अपना दान दीजिए। इन्हीं पैसों से मैं चुनाव लड़ूंगी। यह चुनाव भ्रष्टाचार के विरुद्ध शुद्ध कमाई के दान से लड़ा जाएगा। मैं समाज से ही लूंगी और अपनी तपस्या और समर्पण मिलाकर कई गुना वापस दूंगी। उन्होंने कहा कि मैं अपने परिवार से भिक्षा मांग रही हूं।
देशभर के चुनाव को देखा, लेकिन ये सिर्फ भोपाल में देखा कि भगवा और भाजपा का झंडा साथ लहरा रहा है। उन्होंने जैसे भगवा को आतंकवाद कहा तो आपने उसे हथियार बना लिया। ऐसे में ये आपके प्रतिशोध की लड़ाई है या जनता के प्रतिशोध की लड़ाई है या हिन्दुत्व की लड़ाई है?
मैं निमित्त हूं, ईश्वर किसी न किसी को निमित्त बनाता है। उन्होंने मुझे टारगेट किया और ईश्वर ने मुझे उसके निमित्त बनाया और उनके कर्मों का मैं प्रत्यक्ष प्रमाण हूं मैं इसलिए अब कोई साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर प्रताड़ित न होने पाए। अब कोई नारी प्रताड़ित न हो पाए, अब किसी साधु-सन्यासी को भगवा आतंकवादी न कहा जाए। भगवा रंग त्याग का प्रतीक है, हमारे धर्म का मानदंड है। अब किसी भी प्रकार से आतंकवादी शब्द कहकर हिन्दुत्व को अपमानित न किया जाए।
भगवा आतंकवाद जैसे शब्दों को न दोहराया जाए, इसके लिए मैं खड़ी हुई हूं। यातना देने वाले और अत्याचार करने वाले लोगों को मैं क्षमा करती हूं। देश, नारी के सम्मान, देश के सम्मान के साथ जो उन्होंने घात किया है, वह अक्षम्य अपराध है, जिसे मैं कभी क्षमा नहीं करूंगी। मैं देश के जीती हूं और मरती हूं, जब उस पर आंच आई और वो सूत्रधार व्यक्ति यहां खड़ा हुआ तो ईश्वर ने मुझे यहां खड़ा किया है।
भोपाल से आप चुनाव लड़ रही हैं। यहां के विकास के लिए आपकी क्या योजनाएं हैं?
भोपाल के लिए हमारी काफी सुदृढ़ योजनाएं हैं और हम उन्हें लेकर आ रहे हैं। भोपाल की सुरक्षा, स्वच्छता, सुंदरता हो और हरित भोपाल हो, जो कि समृद्धि का प्रतीक हो। तालाबों में स्वच्छता नहीं है। यहां के सभी ताल संरक्षित हो सकें। कांग्रेसियों ने उन्हें अधिकृत कर रखा है, उन्हें स्वतंत्र कराया जाएगा। उनमें स्वच्छ जल और सुंदर तालाब हो, जिससे लोग अच्छे वातावरण में रह सकें। महिलाओं के लिए सुरक्षा, सबल और समाज की सुरक्षा, लड़कियों की शिक्षा और रोजगार मिले, जिससे वे तनाव में न जाएं। कोई भी महिला असुरक्षित न हो, कभी उसके ऊपर प्रताड़ना न हो। किसी के साथ बलात्कार न हो, लड़कियां आत्महत्या न करें।
इन सब के लिए मैं प्रयासरत रहूंगी और ऐसा वातावरण तैयार करूंगी, जिसमें खुला दरबार लगेगा। वहां जनता मुझसे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष अपनी बात साझा कर सकेगी। जो युवा वर्ग है लड़के-लड़की दोनों के रोजगार की व्यवस्था हो, छोटे से बड़ा रोजगार वे कर सकें, ऐसी व्यवस्था हम लेकर आ रहे हैं। उच्च शिक्षा, तकनीकि शिक्षा, व्यवसायिक शिक्षा पर हम काम करेंगे और सभी तरफ जीवन मूल्यों के आधार पर जीवन की अति आवश्यक अनिवार्यताओं पर कार्य करेंगे।
आपने अभी हिन्दुत्व का जिक्र किया, प्रधानमंत्री का नारा विकास है। क्या आप मानती हैं कि विकास और हिन्दुत्व दोनों साथ चल सकते हैं?
बिल्कुल, ये दोनों एक-दूसरे पर्याय हैं। हिन्दुत्व विकास है और विकास हिन्दुत्व है। समृद्धि, विकास, विस्तार, ये सब चीजें हिन्दुत्व में आती हैं। ये एक-दूसरे के पर्यायवाची हैं, अलग नहीं हैं।
आप अपने इस चुनाव को क्या धर्मयुद्ध मानती हैं?
ये चुनाव धर्म युद्ध है और मैं इसे इसी तरह से मानती हूं। इस चुनाव में भगवा, हिन्दुत्व को आतंकवाद कहने वाले लोग, नारी का अपमान करने वाले, प्रताड़ित करने वाले, सैनिकों और देश का अपमान करने वाले लोग, आतंवादियों को जी कहने वाले, टुकड़े-टुकड़े गैंग को अपने प्रचार, उपयोग में लाने वाले, उन्हें प्रत्याशी बनाने वाले लोग इस बार समझ जाएंगे कि देश ये नहीं चाहता है। देश चाहता है राष्ट्रभक्तों को, धर्मनिष्ठ लोगों को, राष्ट्रधर्म का निर्वाह करने वाले लोगों को, नारी और धर्म का सम्मान करने वाले लोगों को जनता चाहती है। भगवा और हिन्दुत्व कभी आतंकवाद नहीं हो सकते, यह भी सुनिश्चित हो जाएगा।
कांग्रेस लगातार आप पर आरोप लगाती आ रही है कि आप केस में आरोपी हैं और भाजपा ने आपको टिकट दिया है। इस पर आप क्या कहना चाहेंगी?
जब देश के टुकड़े-टुकड़े करने वाले लोग उनके प्रत्याशी हैं और मेरे ऊपर तो अब कोई केस है ही नहीं। हमें क्लीन चिट दी है एनआईए ने और हमारे विरुद्ध कोई सबूत या गवाह नहीं है। दूसरी बात ये तो उनके षड्यंत्र थे, जो कि स्पष्ट हो गए हैं। ऐसे लोग यदि हमारा विरोध करते हैं तो उनके शब्दों के कोई मायने नहीं है। देश के टुकड़े-टुकड़े करने वाले लोग देश के अंतर्गत देश विरुद्ध कार्य करने वाले लोगों को वे टिकट देकर उनका पक्ष ले रहे हैं। जो देश में प्रतिबंधित जाकिर नाईक के गुणगान गा रहे हैं और आतंकवादियों को जी कह रहे हैं तो ऐसे लोगों के शब्दों के कोई मायने नहीं होता। उन्हें तो भगवान ही देखेंगे।
…जब मां से बात कर भावुक हुईं प्रज्ञा ठाकुर
भोपाल से भाजपा की प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर एक बार फिर भावुक हो गईं। इस बार मां से फोन पर वीडियो कॉलिंग के दौरान उनकी आंखें छलक गईं। दिल्ली से एक कार्यकर्ता की 80 वर्षीय मां ने साध्वी से बात करने की इच्छा जाहिर की थी। मां की इच्छा पूरी हुई और उन्होंने अपना आशीर्वाद भी दिया। फोन पर बातचीत के दौरान मां कह रही थी कि तुमने बहुत जुल्म झेले हैं। भगवान तुम्हें हिम्मत दे। इस पर साध्वी ने कहा कि बस मुझे आपका आशीर्वाद चाहिए कि मैं इस धर्म युद्ध में जीत सकूं। इस पर मां ने भी दिल खोलकर दुआएं देते हुए कहा कि जीती रहो बेटी। परमात्मा भला करे, शांति दे, सुख दे। शुक्र है सब ठीक है, बच्चे खूब सेवा करो। मेरा आशीर्वाद तुम्हारे साथ है। इस दौरान साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का गला भर आया, वह अपने आपको रोक न सकीं और फोन वापस देते हुए अपने आंसू पोछे।
आपने कहा कि ये जो वोट बैंक की राजनीति है, वह लोगों को बांटने की चीज है। इसमें कहीं न कहीं मुसलमान भी पीड़ित रहा होगा। क्या आप उनके बीच जाकर उन्हें समझाती हैं कि यह साजिश थी?
मुझे बहुत अधिक समझाने का अवसर नहीं मिला है, लेकिन वे भी इस बात को समझते हैं कि उनके साथ षड्यंत्र किसने किया। मैं अभी जब प्रचार-प्रसार के लिए जा रही हूं निश्चित रूप से उनका ऐसा था कि मुस्लिम तो हमारे पक्ष में नहीं आएंगे। लेकिन प्रचार-प्रसार के लिए जब हम निकले, हमारा रोड शो हुआ तो कितने ही मुस्लिम नागरिकों ने हमारा अभिनंदन किया। एक महिला तो मुझे देखकर बहुत रोई और बोली कि हम आपके साथ हैं। ये भ्रमित कर, प्रलोभन देकर और बांटकर उनका दुरुपयोग करते हैं, जब उन्हें सच्चाई पता लगेेगी तो वे उनके विरुद्ध खड़े होंगे।
भोपाल में भाजपा-भगवा एक साथ…
पूरे भोपाल में एक हाथ से दिव्यांग रामकुमार तिवारी भाजपा और भगवा का झंडा एक साथ बुलंद कर रहे हैं। तिवारी एक हाथ से ही मोटरसाइकिल चलाते हुए पूरे प्रदेश में घूम-घूमकर हिन्दुत्व का प्रचार कर रहे हैं। साथ ही साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का भी प्रचार कर रहे हैं। इन दिनों पूरे भोपाल में ही भाजपा और भगवा का माहौल है। गली-मोहल्लों में आसानी से भाजपा और भगवा झंडा एक साथ लगा देखा जा सकता है। पूरा भोपाल भगवा के रंग में रंगा हुआ है।
भाजपा अखंड भारत की बात करती है, भारत को एक साथ लेकर चलने की बात करती है और आपके प्रचार के खिलाफ टुकड़े-टुकड़े गैंग यहां आ गया। सीताराम येचुरी, कन्हैया कुमार, इनसे आपको क्या चुनौती रहेगी?
मैं इन्हें चुनौती नहीं मानती। केवल जनता को जागरूक हो जाना चाहिए। ऐसे लोग स्वयं ही खत्म हो जाएंगे। देश का विभाजन करने वाले, देश को बांटने वाले लोग, हमारे धर्मशास्त्रों पर सीताराम येचुरी ने कहा है कि गीता और रामायण तो हिसंक हैं। ये हिंसा सिखाते हैं। मैं इसकी भर्त्सना करती हूं और कहती हूं कि यदि हमारे धर्मशास्त्र न होते, संस्कृति न होती तो संस्कार नहीं होते। वहीं ऐसे लोग जिनके अंदर भारत में रहते हुए भी वे सुसंस्कृत नहीं हुए तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है। ये संस्कृति को कभी जान न पाए।
आपका वोट बैंक की राजनीति से क्या तात्पर्य है?
कांग्रेस ने सदैव समाज को बांटकर उनका लाभ उठाया है, जबकि सनातन संस्कृति यह कहती है कि, ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया। सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मां कश्चित् दुःखभाग भवेत।’ कोई भी दुख का भागी न हो इसका वृहत चिंतन होना चाहिए। मत-पंथ अपनी बात करते हैं, लेकिन इतना बड़ा चिंतन जिसमें वर्ग भेद, जाति भेद नहीं और सब कर्मों के आधार पर है। हम किसी को अलग कर विशेष सुविधा देकर लाभ उठा लें और अन्य को उपेक्षित कर दें, यह वर्ग को बांटना है। इससे देश बंटता है और ये कभी हम चाहते नहीं है, निश्चित रूप से देश की एकता और अखंडता की बात करते हैं।
राष्ट्रवाद की जो लहर चल रही है। जो लोग एयर स्ट्राइक व सजिर्कल स्ट्राइक पर सवाल उठा रहे हैं, उन्हें आप क्या जवाब देंगे?
कांग्रेसी लोग देश का मनोबल कम करते हैं और सैनिकों का मनोबल घटाते हैं। जो आतंकवाद को बढ़ाते हैं और दुश्मन देशों का मनोबल बढ़ाते हैं, उन्हें जनता जवाब देगी।
2003 में उमा भारती ने दिग्विजय सिंह को हराया था और उसके बाद उनका मुकाबला आपसे हो रहा है। क्या आप मानती हैं कि आपसे चुनाव में हार के बाद उन्हें रिटायर हो जाना चाहिए?
ये बात तो नैतिकता वाले लोगों के लिए होती है। ये लोग तो बिना नैतिकता के कुछ भी बोलना शुरू कर देते हैं। अभी भी दिग्विजय सांसद हैं राज्य सभा में और विकास के मुद्दे लेकर आ रहे हैं। जो अभी सांसद रहे उन्होंने भला समाज के लिए क्या कर दिया। मुंह-गाल बजाने वाले लोग निर्माण कार्य नहीं करते, इसके लिए कर्मशील लोगों को आगे आना चाहिए। वे जो कार्य करते हैं, दिखाई देता है। मोदी जी आए, योजनाएं आईं, भोपाल स्वच्छता में दूसरे स्थान पर आया, यह सब मोदी जी के कारण हुआ है। स्वच्छता का गुणगान तो कांग्रेसी 70 वर्षों से कर रहे थे, लेकिन प्रत्यक्ष कभी हुआ नहीं।
… क्या गाय और बछड़े को चारा खिलाना गलत है
साध्वी ने बातचीत के दौरान कहा कि विरोधियों का काम ही है शिकायत करना। मैं अपने ठाकुर के घर गई। इसका भी विरोधियों ने लाभ उठाना चाहा। उन्होंने कहा कि हमारा जो जीवन जीने का आधार है, मैं वो करने लगी। मैं गाय को चारा खिलाने के लिए गई। वहां छोटे-छोटे बछड़ों को चारा, घास और गुड़ खिलाया। इसमें कौन सा अपराध है। इस पर भी इन्होंने शिकायत कर दी। इन लोगों ने तो अधर्म की पराकाष्ठा को ही पार कर दिया है।
जब उनसे पूछा गया कि महाराष्ट्र मामले में जो आपने बीते दिनों बयान दिया था उससे भाजपा को नुकसान हुआ है। इस पर उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है। कोई नुकसान नहीं हुआ है। कभी-कभी समय गलत होता है बाकी सब ठीक होता है। अभी इन बातों को करने का उचित समय नहीं है। समय आने दीजिए मैं इसका प्रत्यक्ष उदाहरण भी दूंगी।