नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनावों के प्रचाार के दौरान मेट्रो परिसर और डीयू कैंपस सहित समूची दिल्ली की दीवारों को गंदा करने के मामले पर सख्त रुख अपनाते हुए डूसू के 15 प्रत्याशियों के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल व न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की बेंच ने कहा कि कई बार निर्देश देने के बाद भी प्रत्याशी कोर्ट के सामने पेश नहीं हुए। मामले में अगली सुनवाई 17 मई को होगी।
कोर्ट ने इसके साथ ही छात्रों व प्रत्याशियों को मेट्रो प्रशासन के साथ मिलकर मेट्रो समेत 76 अन्य संपत्तियों को दोबारा से साफ व दुरुस्त करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही केंद्र व दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वो सार्वजनिक संपत्ति को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाएं। कोर्ट ने कहा कि छात्रों को सूचित किया जाना चाहिए कि अगर उन्होंने सरकारी व मेट्रो संपत्ति को नुकसान पहुंचाया तो उन्हें 10 साल की सजा हो सकती है।
साथ ही छात्रों को चेतावनी दी कि अगर उन्होंने दोबारा ऐसा किया तो उन्हें जेल जाना पड़ेगा। अदालत इस तरह से सरकारी संपत्ति के साथ खिलवाड़ करना बर्दाश्त नहीं करेगी। ज्ञात हो कि याचिकाकर्ता वकील प्रशांत मनचंदा ने सार्वजनिक संपत्ति को गंदा करने को लेकर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की मांग के साथ याचिका दायर की थी।
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